देश में कोरोना वैक्सिन के भंडारण को लेकर बड़े कार्य हो रहे हैं। इस सिलसिले में कई एयरपोर्ट पर अतिरिक्त भंडारण क्षमता विकसित की जा रही है। जहां कंपनियों से वैक्सिन निकलने के बाद हवाई जहाज से अलग-अलग भागों में पहुंचाई जाएगी। इसके लिए सेना के हवाई अड्डों से भी मदद ली जा सकती है। कुल मिलाकर वैक्सिन के भंडारण और वितरण की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए एयरपोर्ट पर टेंशन देखी जा सकती है।
देश के महत्वपूर्ण एयरपोर्ट पर वैक्सिन के भंडारण के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसमें मुंबई, दिल्ली, पुणे, हैदराबाद आदि हैं। भंडारण के लिए विशेष कूलिंग चेंबर्स बनाए जा रहे हैं। सबसे बड़े दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट ने वैक्सिन वितरण व्यवस्था को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए प्रोजेक्ट संजीवनी शुरू किया है।
क्या है दिल्ली की प्रोजेक्ट संजीवनी
दिल्ली हवाई अड्डे ने प्रोजेक्ट संजीवनी के नाम से देश के सबसे बड़े वैक्सिनेशन ड्राइव के लिए अपने आपको तैयार करने की योजना बनाई है। इसका नाम संजीवनी इसलिए रखा गया है कि जिस महामारी ने लाखो लोगों को असमय मार दिया और करोड़ो लोगों को दिक्कतें दीं उससे बचाने वाली वैक्सिन संजीवनी से कम नहीं है। इसकी खास बातें इस प्रकार हैं…
एयरपोर्ट पर कोल्ड चेंबर्स उपलब्ध होंगे
कोरोना वैक्सिन भंडारण की 27 लाख वायल की होगी क्षमता
80 लाख वायल कोरोना वैक्सिन की ढुलाई होगी
मॉडेर्ना की वैक्सिन के लिए चेंबर्स का तापमान -20 डिग्री सेंटीग्रेड होगा
2 से 8 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान के चेंबर्स ऑक्सफोर्ड और भारत बायोटेक की वैक्सिन के लिए
मुंबई-पुणे भी हो रहा तैयार
पुणे में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, भारतीय वायुसेना से 2.5 एकड़ की वह भूमि अर्जित करने की प्रक्रिया में है जिसका उपयोग वह सीरम इंस्टिट्यूट की वैक्सिन को पुणे से देश के अन्य भागों में वितरण के समय भंडारण के लिए करेगी। इसके अलावा मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी सज्ज है। मीडिया से बातचीत में प्रवक्ता ने जानकारी दी है कि, हवाई अड्डे पर फ्लेक्जिबल गेटवे के जरिये एड-हॉक चार्टर ऑपरेशन की सुविधा दी जाएगी। एयरपोर्ट का वर्तमान संसाधन फार्मास्युटिकल सामग्री के लिए आवश्यक नियंत्रित तापमान में भंडारण करने और ढुलाई के लिए सज्ज है।
हैराबाद में भी हो रही तैयारियां
हैदराबाद एयरपोर्ट रूस की स्पुतनिक-V वैक्सिन के लिए सज्ज हो रहा है। हैदराबाद की डॉ.रेड्डीज लेबोरेटरी इस वैक्सिन का निर्माण कर रही है। हवाई अड्डे पर समर्पित फार्मा जोन है। जहां वैक्सिन को आवश्यक नियंत्रित तापमान पर भंडारण के लिए रखा जा सकता है। यहां भंडारण के लिए आवश्यक -20 डिग्री सेंटिग्रेड से लेकर 25 डिग्री सेंटिग्रेड तापमान की क्षमता का भंडारण उपलब्ध है।
लगेंगे इतने जहाज
एक अग्रणी मीडिया कंपनी के अनुसार कुछ एवियेशन कंसल्टंसी कंपनियों ने भारत में सर्वे किया है। जिसके अनुसार देश के 130 करोड़ लोगों तक वैक्सिन पहुंचाने के लिए बड़ी संख्या में हवाई जहाजों की आवश्यकता होगी।
2,000 बोइंग 747
3,000 एयर बस ए320
1,000 एटीए 42एस
400 ट्विन ऑटर्स (ग्रैंड कारावान एयरक्राफ्ट)