महाराष्ट्र की राजनीति में 21 जून से चल रही अस्थिरता की स्थिति शीघ्र ही समाप्त हो सकती है। भाजपा ने राज्यपाल को पत्र देकर शिवसेना प्रणित महाविकास आघाड़ी सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है। इस मांग से बदली परिस्थितियों में पिछले आठ दिनों से बाहर गए शिवसेना के 39 असंतुष्ट विधायक बुधवार दोपहर को लौट सकते हैं।
शिवसेना दो फाड़ होने की कगार पर है। कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे अपनी पार्टी के 39 विधायक और विपक्ष के विधायकों को लेकर गुवाहाटी के होटल में टिके हुए हैं। वे लगातार भाजपा के साथ सरकार बनाने की मांग शिवसेना पक्षप्रमुख से कर रहे हैं। उनका और उनके साथ गुवाहाटी में टिके विधायकों का कहना है कि, एनसीपी और कांग्रेस उनकी पार्टी को समाप्त कर रही है। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी उनकी नेचुरल अलाइ है, जिसके साथ उन्होंने चुनाव लड़ा था। उसके साथ गठबंधन करना चाहिए। इस बीच विपक्ष द्वारा बहुत सिद्ध करने की मांग किये जाने के बाद अब गुवाहाटी में शरण लिये शिवसेना के 39 विधायक बुधवार को लौट सकते हैं।
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हिंदुत्व और बालासाहेब ठाकरे के सिद्धातों की गुहार
शिवसेना पक्षप्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बार-बार कहने के बाद भी एनसीपी-कांग्रेस के साथ गठबंधन जारी रखने पर शिवसेना के विधायक आक्रोष में थे। इन विधायकों का आरोप है कि, उनके क्षेत्रों को फंड नहीं दिया जा रहा है, इस संदर्भ में शीर्ष नेतृत्व से चर्चा करने के बाद भी स्थिति जस की तस थी। इसी प्रकार हिंदुत्व के मुद्दे पर शिवसेना समझौता करके बालासाहेब ठाकरे के विचारों को तिलांजलि दे दी है। इसके बाद ही विधायकों ने पार्टी से किनारा कस लिया और सूरत में शरण ली और उसके बाद गुवाहाटी चले गए।