वाहनों का मोडीफिकेशन कर उन्हें बेचने का बिजनेस करनेवाली डीसी डिजाइनर कंपनी के मालिक दिलीप छाबरिया को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसपर 127 गाड़ियों के घोटाला करने का आरोप है। इस मामले में डीसी डिजाइनर कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कंपनी ने एक ही गाड़ी के रजिस्ट्रेशन पर दो गाड़ियां बेचने का गैरकाूनी काम किया है। इन गाड़ियों पर लोन भी लिया गया। इस तरह करोड़ों के टैक्स बचाए जाने की भी आशंका है।
90 गाड़ियां बरामद
कंपनी पर 127 गाड़ियों के घोटाला करने का आरोप है। इनमें से 90 गाड़ियों को बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अभी बाकी गाड़ियों के बारे में पता लगाया जा रहा है। अपराध शाखा के सह पुलिस आयुक्त मिलिंद भारंबे ने बताते हुए कहा कि एक गाड़ी की कीमत 42 लाख है। प्राथमिक जांच-पड़ताल में इस तरह 40 करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ है।
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नंबर एक, रजिस्ट्रेशन दो जगहों पर
भारत के पहले स्पोर्ट्स कार में इस तरह का मोडिफिकशन किया गया था। मुंबई पुलिस को डीसी अवंतिका कार में गलत रजिस्ट्रेशन किए जाने की जानकारी मिली थी। इसके लिए पुलिस ने होटल ताज के पास जाल बिछाया और इस गाड़ी को अपने कब्जे में ले लिया। इस गाड़ी के नंबर का हरियाणा और चेन्नई में दो जगहों पर रजिस्ट्रेशन किए जाने का खुलासा हुआ। उसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू कर दी। उसके बाद एक-एक कर कुल 127 गाड़ियों के घोटाले का पर्दाफाश हुआ।
2016 से काम कर रही है कंपनी
डिसी डिजाइनर गाड़ियों की खरीद-फरोख्त का व्यवसाय करती है। इस घोटाले का खुलासा होने के बाद ग्राहकों में भी खलबली मच गई है। फिलहाल 90 गाड़ियां बरामद भी कर ली गई हैं। कंपनी द्वारा एक ही चेसीस नंबर और इंजन नंबर पर दो गाड़ियों के बेचे जाने का मामला उजागर हुआ है। इस गाड़ी के लिए रोनॉल्ड कंपनी कके इंजन का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद दलीप छाबरिया को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि कंपनी 2016 से इस तरह के घोटाला कर रही है। फिलहाल मामले की जांच जारी है।