तालिबानी हत्याकांड पर गम, गुस्सा और उबाल! जानिये, उदयपुर में कैसा है कानून-व्यवस्था का हाल

नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने वाले हिंदू युवक कन्हैयालाल की 29 जून को की गई 'तालिबानी' हत्या से गम, गुस्सा और उबाल है। दावते इस्लामी से जुड़े मुस्लिम युवकों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया।

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झीलों के शहर उदयपुर में भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने वाले हिंदू युवक कन्हैयालाल (40) की 29 जून को की गई ‘तालिबानी’ हत्या से गम, गुस्सा और उबाल है। दावते इस्लामी से जुड़े मुस्लिम युवकों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। इस घटना के विरोध में हुए प्रदर्शन के बाद उदयपुर के सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू जारी है। शहर की फिजा में तनावपूर्ण शांति है। समूचे राजस्थान में इंटरनेट सेवा अभी निलंबित है।

फिलहाल पोस्टमार्टम का इंतजार है। प्रशासन और परिजनों के बीच बनी सहमति के बाद देर रात शव को एमबी हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया गया। पुलिस अंतिम यात्रा को लेकर नजर रखे हुए है। इधर हिंदू संगठनों ने 30 जून को सुबह 10 बजे विशाल रैली का आह्वान किया है। रैली नगर निगम से शुरू होकर कलेक्ट्रेट जाएगी और ज्ञापन दिया जाएगा। इस दौरान समूचे उदयपुर को बंद रखने का आह्वान किया गया है। इस घटना के बाद 1 जुलाई को प्रस्तावित भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के आयोजन पर भी संशय बना हुआ है। रथयात्रा उदयपुर का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। इस घटना को रथयात्रा को बाधित करने की साजिश भी माना जा रहा है।

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लैब असिस्टेंट की परीक्षा में छूट
कर्फ्यू के दौरान लैब असिस्टेंट की परीक्षा में छूट दी गई है। अभ्यर्थी अपना प्रवेश पत्र दिखाकर परीक्षा केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। रात को ही धानमंडी थाने के एएसआई भंवरलाल को निलंबित कर दिया गया। मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। एनआईए की टीम भी उदयपुर पहुंच रही है।

भाजपा ने की कड़ी निंदा
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने इस हत्या की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, “उदयपुर के एक सीधे-सादे नागरिक की बर्बरता से हत्या और आरोपितों द्वारा वीडियो बनाकर अपराध स्वीकारना बताता है कि तुष्टीकरण सीमाएं लांघ जाए तो वातावरण खूनी वैमनस्य का शिकार हो जाता है। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ शिकायत को अनदेखा किया, जिसका वीभत्स परिणाम सामने है। यह वारदात सभ्य समाज को भयग्रस्त करने की साजिश का हिस्सा है, गहलोतजी सपाटबयानी कर पल्ला नहीं झाड़ सकते। उनकी जिम्मेदारी है प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित महसूस कराना और उन कारणों पर रोक लगाना जिनसे इस तर्ज के अपराध और अपराधी पनप रहे हैं। अपनी एकांगी नीतियों की वजह से राज्य सरकार वैसे भी कटघरे में खड़ी है।”

जांच के लिए एसआईटी का गठन
उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार ने इस हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है, जिसमें एसओजी एडीजी अशोक राठौड़, एटीएस आईजी प्रफुल्ल कुमार और एक एसपी व एडिशनल एसपी को शामिल किया गया है। पुलिस ने हत्या के दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपित उदयपुर के सूरजपोल इलाके के रहने वाले हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की पांच सदस्यीय टीम भी आरोपितों से पूछताछ करेगी। एनआईए की टीम के  दिल्ली से उदयपुर पहुंचने की संभावना है। इस हत्याकांड को आतंकी हमले की तैयारी से जोड़कर भी देखा जा रहा है। इसलिए मामले की पूरी जांच एनआईए को सौंपी जा सकती है।

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