केदारनाथ धाम से लौट रहे तीर्थयात्रियों का वाहन भूस्खलन की चपेट में आ गया। इस हादसे में महिला तीर्थयात्री की मौत हो गई और पांच लोग घायल हो गए।
यह हादसा गौरीकुंड से सोनप्रयाग के बीच मुनकटिया में हुआ। मलबे में दबे वाहन को एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय लोगों ने सुरक्षित निकाला। इस हादसे में जान गंवाने वाली पुष्पा देवी (62) महाराष्ट्र की रहने वाली हैं। केदार घाटी में पिछले पांच दिन से भारी बरसात हो रही है। संपर्क मार्गों और राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगातार भूस्खलन हो रहा है।
श्री अमरनाथ की पवित्र यात्रा के लिए बुधवार सुबह आधार शिविर भगवती नगर से बम-बम भोले के जयघोष के साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहला जत्था रवाना हुआ। सुबह करीब चार बजे जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंत्रोच्चार और पूजा अर्चना के बाद अपनी शुभकामनाएं देकर जत्थे को रवाना किया।
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श्रद्धालुओं का जत्था रवाना
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रदेश में सुख शांति तथा श्रद्धालुओं की सुखद यात्रा की कामना भी की। यह जत्था 30 जूून की सुबह पारंपरिक बालटाल और पहलगाम रूट से आधिकारिक तौर पर पहले जत्थे के रूप में पवित्र गुफा के लिए प्रस्थान किया। बाबा बर्फानी की पवित्र यात्रा कोविड महामारी के कारण दो साल बाद हो रही है। श्री अमरनाथ यात्रा 2022 के लिए देशभर से आए शिवभक्तों में भारी उत्साह है।
हजारों श्रद्धालु पहुंचे
देश भर से हजारों शिवभक्तों के जम्मू पहुंचने से पूरा माहौल भक्तिमय बना गया हुआ है। भीषण गर्मी के बावजूद भक्तों में भारी उत्साह है। 29 जून को रेलवे स्टेशन के पास वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन हाल शालामार में सैकड़ों तीर्थ यात्रियों का तत्काल पंजीकरण किया गया। इसी तरह श्री राम मंदिर पुरानी मंडी में भी सैकड़ों साधु संतों का तत्काल पंजीकरण किया गया। जम्मू से पहले जत्थे में तीर्थ यात्रियों के साथ साधु संत भी रवाना हुए।
श्री राम मंदिर और गीता भवन साधु-संतों को ठहराने की व्यवस्था
जम्मू के परेड स्थित श्री राम मंदिर के अलावा गीता भवन में भी साधु-संतों को ठहराने की व्यवस्था की गई है। रेलवे स्टेशन के पास सरस्वती धाम से तीर्थ यात्रियों को टोकन जारी किए जा रहे हैं, जिसमें समय और तिथि के मुताबिक तत्काल पंजीकरण की सुविधा दी जा रही है। आधार शिविर भगवती नगर जम्मू में 28 जून की देर शाम तक 1600 से अधिक यात्री पहुंच चुके थे, जिससे यात्रियों की एंट्री बंद कर दी गई थी। अन्य यात्रियों को आसपास के आवास स्थलों में ठहराया जा रहा है। जम्मू में श्रद्धालुओं के लिए 30 से ज्यादा लंगरों का प्रबंध भी किया गया है।