बालटाल, पहलगाम आधार शिविर से यात्रियों का पहला जत्था अमरनाथ रवाना, ‘इतने’ श्रद्धालु शामिल

इस बार श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने ऑनलाइन दर्शन की भी व्यवस्था की है।

131

वार्षिक अमरनाथ यात्रा 30 जून को पारम्परिक ढंग से शुरू हो गुई। सुबह 2,750 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था बालटाल तथा पहलगाम आधार शिविर से अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए रवाना हो गया। यह पवित्र स्थान दक्षिण कश्मीर के हिमालय में है। यहां प्राकृतिक रूप से हिम-शिवलिंग के दर्शन होते हैं।

इस जत्थे को उपायुक्त पीयूष सिंगला ने पहलगाम के नुनवान आधार शिविर से झंडी दिखाकर रवाना किया। इस सफर के दौरान अधिकांश तीर्थयात्री पैदल मार्ग के साथ शीशनाग और पंचतरणी में रात को ठहरेंगे। यह यात्रा लगभग तीन दिन में पूरी होती है। उपायुक्त सिंगला ने कहा कि 43 दिवसीय तीर्थयात्रा के सुचारू संचालन के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 29 जून को जम्मू आधार शिविर से 4,890 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया था।

यह भी पढ़ें-उद्धव ठाकरे का जाते-जाते छलका दर्द, असंतुष्टों और शिवसैनिकों के लिए कही ये बात

ऑनलाइन दर्शन की भी व्यवस्था
इस बार श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने ऑनलाइन दर्शन की भी व्यवस्था की है। इस साल तीर्थयात्रा में सामान्य से अधिक लोगों के पहुंचने की उम्मीद है, क्योंकि अमरनाथ यात्रा तीन साल के अंतराल के बाद शुरू हुई है। 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधान को निरस्त करने से पहले यात्रा को बीच में ही रद्द कर दिया गया था। कोविड-19 महामारी के कारण 2020 और 2021 में यात्रा का आयोजन नहीं हो सका।

सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध
तीर्थयात्रा मार्ग पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। बालटाल और पहलगाम मार्ग पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। ड्रोन निगरानी और आरएफआईडी चिप्स भी तीर्थयात्रियों के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा है। बोर्ड ने तीर्थयात्रियों को आधार कार्ड या कोई अन्य बायोमेट्रिक सत्यापित दस्तावेज अपने साथ ले जाने के लिए कहा है। पवित्र गुफा के आसपास की चोटियों पर सुरक्षा का कड़ा इंतजाम किया गया है। अमरनाथ यात्रा का समापन 11 अगस्त को रक्षा बंधन के साथ होगा।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.