कानपुर मेट्रो अब भूमिगत सेक्सन का निर्माण कार्य करने जा रहा है, जिसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।5 जुलाई से तात्या और नाना नाम की दो टनल बोरिंग मशीनें चुन्नीगंज और नयागंज के बीच निर्मित हो रहे चार किमी लंबे भूमिगत सेक्सन का निर्माण कार्य शुरु कर देंगी। दोनों टीबीएम मशीनों को 21 मीटर लंबे, 24 मीटर चौड़े और 17.5 मीटर गहरे आयताकार लॉन्चिंग शाफ्ट में अंदर पहुंचा दिया गया है।
कानपुर मेट्रो परियोजना के लगभग 23 किमी. लंबे पहले कॉरिडोर (आईआईटी से नौबस्ता) के अंतर्गत चुन्नीगंज और नयागंज के बीच चार किमी लंबे भूमिगत सेक्शन का निर्माण होना है। इस टनल का निर्माण दो टनल बोरिंग मशीनों की सहायता से होना है। 5 जुलाई को पहली टीबीएम की सहायता से बड़ा चौराहा से नयागंज की दिशा में डाउन-लाइन टनल का निर्माण शुरू किया जाएगा। लगभग 15 दिनों के बाद दूसरी टीबीएम की सहायता से अप-लाइन टनल का निर्माण शुरू होगा।
क्रांतिकारियों के नाम पर रखे टीबीएम मशीनों के नाम
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) ने टीबीएम मशीनों के नाम ‘नाना’ और ‘तात्या’ रखे हैं। यूपीएमआरसी का मानना है कि इस तरह से देश को सर्वस्व समर्पित करने वाले और कानपुर शहर से एक खास रिश्ता रखने वाले नाना राव पेशवा और तात्या टोपे जैसे महान क्रांतिकारियों की स्मृति, कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के साथ हमेशा के लिए जुड़ जाएगी।
कुल लंबाई लगभग 80 मीटर
5 जुलाई से इस सेक्शन में ‘नाना’ नाम की टीबीएम से डाउन लाइन टनल की खुदाई प्रारंभ होगी। कानपुर मेट्रो के उक्त भूमिगत सेक्शन में प्रयोग होने वाली टनल बोरिंग मशीनों की कुल लंबाई लगभग 80 मीटर है और इनका वज़न लगभग 450 टन है। इन मशीनों की सहायता से 5.8 मीटर व्यास की टनल का निर्माण होगा।
इस तरह टीबीएम से होता है टनल का निर्माण
टनल बोरिंग मशीन टनल निर्माण का सबसे प्रभावी और सुरक्षित माध्यम हैं। ये मशीनें ‘अर्थ प्रेशर बैलेंस’ प्रणाली के तहत काम करती हैं और शहर के बीचों-बीच, सड़कों पर चलने वाले यातायात को प्रभावित किए बिना, पूरी सुरक्षा के साथ भूमिगत टनल का निर्माण करने में सक्षम होती हैं। कानपुर मेट्रो में भी भूमिगत सेक्शन के निर्माण के लिए विश्वस्तरीय और अत्याधुनिक टनल बोरिंग मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है।