दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अंकित नामक जिस शूटर को गिरफ्तार किया है, वह केवल 19 वर्ष का है। हत्याकांड के दौरान उसने दोनों हाथों से सबसे करीब जाकर गोलियां चलाई थीं। हत्या के बाद वह छह राज्यों में जाकर छिपा, लेकिन स्पेशल सेल आखिरकार उसे गिरफ्तार करने में कामयाब रही। अंकित का साथी सचिन चौधरी छिपने में शूटरों की मदद कर रहा था।
मूसेवाला की हत्या को लीड करनेवाला गिरफ्तार
स्पेशल सेल के विशेष आयुक्त हरगोविंद सिंह धालीवाल ने आज प्रेस वार्ता में कहा कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में स्पेशल सेल भी जांच कर रही थी। बीते जून में दो शूटरों सहित तीन लोगों को गुजरात से स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था। इस मॉड्यूल को प्रियव्रत उर्फ फौजी लीड कर रहा था।
आरोपितों को 14 दिन की रिमांड पर लिया गया था। इसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जांच के बाद पुलिस टीम को पता चला कि इस गैंग में अंकित नामक शूटर शामिल था। उसने सबसे ज्यादा गोलियां सिद्धू मूसेवाला के करीब जाकर चलाई थी। वह दोनों हाथ में दो पिस्तौल लेकर गोलियां चला रहा था।
बचने के लिए छह राज्यों में छिपे था आरोपी
स्पेशल सेल की टीम को पता चला कि शूटर एवं उन्हें शरण देने वाले कई राज्यों में घूम रहे हैं। हत्याकांड के बाद वह पंजाब से हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड, यूपी आदि राज्यों में छिप रहे थे। वह किसी भी जगह 24 से 48 घंटे तक ही रहते थे। इसके बाद वह नया ठिकाना तलाश लेते थे। इन जगहों पर स्पेशल सेल की टीम छापेमारी कर रही थी लेकिन बदमाश भागने में कामयाब हो रहे थे।
रविवार रात स्पेशल सेल को पता चला कि अंकित सिरसा अपने साथी सचिन के साथ कश्मीरी गेट बस अड्डे के पास आने वाला है। इस जानकारी पर डीसीपी प्रमोद कुशवाहा की देखरेख में इंस्पेक्टर सुनील कुमार की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से पंजाब पुलिस की तीन वर्दी और हथियार बरामद हुए।
विदेश से मिली सूचना पर हुई हत्या
पूछताछ में आरोपितों ने पुलिस को बताया कि वारदात से एक दिन पहले विदेश से कॉल आया था और उन्हें हत्या के लिए तैयार रहने को कहा गया था। वारदात वाले दिन शाम चार बजे विदेश से कॉल कर बताया गया कि बड़े वाले गेट से सिद्धू निकला है। उसके साथ कोई गनमैन भी नहीं है। इस कॉल के बाद उन्होंने दो गाड़ियों से पीछा किया और हत्याकांड को अंजाम दिया।
पुलिस की यूनिफॉर्म थी साथ
विशेष आयुक्त के अनुसार, आरोपितों ने बताया कि वह प्रियव्रत के साथ गुजरात में थे। वहां पर प्रियव्रत बिना मास्क के घूमता था। इसकी वजह से उन्हें लगा कि वह पकड़े जा सकते हैं। इस वजह से कुछ लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया था। उन्होंने अपने साथ पंजाब पुलिस की वर्दी रखी हुई थी ताकि अगर वह फंसे तो इसका इस्तेमाल अपने बचाव के लिए कर सकें।