कश्मीरी पंडित कर्मचारी पिछले पाचास दिनों से अधिक काल से आंदोलन कर रहे हैं। अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित यह कर्मचारी अपने स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं। परंतु, अपने आपको हिंदुवादी कहनेवाली दिल्ली की सत्ता मौन है। इन कर्मचारियों के आंदोलन से अब इक्कजुट्ट जम्मू जुड़ गया है। हिंदुओं की हत्याओं का विरोध और कर्मचारियों पर हमलों की घटनाओं का विरोध करते हुए अंकुर शर्मा ने मांग की है कि, हिंदुओं की हत्याओं को नरसंहार घोषित किया जाए।
जम्मू कश्मीर में हिंदुओं की टार्गेटेड किलिंग होती रही है। वहां सरकारी कर्मचारियों को लक्ष्यित करके मारा जा रहा है। इस परिस्थिति में अपनी सुरक्षा को लेकर प्राइम मिनिस्टर्स पैकेज से संबद्ध कर्मचारी पिछले 53 दिनों से रि-हैबिलिटेशन कमिश्नर के यहां आदोलन कर रहे हैं। परंतु, इन कर्मचारियों का दर्द सुनकर उसका निराकरण करने का कार्य प्रशासन द्वारा नहीं हो पाया है।
आप सभा जानते हैं कि, जम्मू कश्मीर के कश्मीर घाटी में कैसे हिंदू कर्मियों को चिन्हित करके मौत के घाट उतारा जा रहा है। उस संबंध में प्राइम मिनिस्टर्स पैकेज के कर्मचारी 53 दिनों से रि-हैबिलिटेशन कमिश्नर के कार्यालय में आंदोलन पर बैठे हैं। हम उनके कंधे से कंधा मिलाकर उनकी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए यहां आए थे। जिस प्रकार से सरकार इनकी सुरक्षा को लेकर लापरवाही कर रही है, उस पर पर्दा डालने का कार्य रही है, ऐसी परिस्थिति में हमने इनके मंच से कहा है कि, जब तक सरकार इनकी सुरक्षा को और टार्गेटेड किलिंग को समाप्त नहीं कर देती तब तक इन लोगों को स्थानांतरित किया जाए। इनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करिये।
अंकुर शर्मा – अध्यक्ष, इक्कजुट्ट जम्मू
04.07.2022:-Addressed protesting Hindu Employees working in Kashmir; supported their demand for Relocation & demanded:
a. Official recognition to Hindu Genocide.
b. Separate Jammu state with Division of Kashmir into 2 UTs (One exclusively for Victims of Genocide i.e. Hindus). pic.twitter.com/SkH4OuGapA
— Ankur Sharma (@AnkurSharma_Adv) July 4, 2022
घोषित करो नहसंहार है
इक्कजुट्ट जम्मू के अध्यक्ष अंकुर शर्मा ने फिर त्रिसूत्रीय मांग की है।
- जम्मू को अलग राज्य बनाया जाए
- कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांटा जाए। एक हिंदुओं के लिए और दूसरा सामान्य कश्मीरियों के लिए हो
- हिंदुओं की हत्याओं को नरसंहार घोषित किया जाए