तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर 35 दिनों से आंदोलन कर रहे किसान अभी भी अड़े हुए हैं। दूसरी ओर सरकार ने भी यह ऐलान कर दिया है कि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे। 30 दिसंबर को किसान संगठन के पदाधिकारियों और सरकार के बीच हुई बातचीत में आंदोलन खत्म करने को लेकर कोई बड़ा फैसला नहीं हो सका। अब एक बार फिर 4 जनवरी 2021 को बातचीत होगी। इस बैठक में सरकार ने किसानों को कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया। इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि चार में से दो मुद्दे पर सहमति बन गई है। इनमें पराली-बिजली बिल और पर्यावरण संबंधी अध्यादेश शामिल हैं।
Delhi: Union Ministers Piyush Goyal & Narendra Singh Tomar having food with farmers leaders during the lunch break at Vigyan Bhawan where the govt is holding talks with farmers on three farm laws. pic.twitter.com/dk31Bt1c6X
— ANI (@ANI) December 30, 2020
बता दें कि इस बैठक से पहले नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। तोमर ने 27 दिसंबर को आंदोलन जल्द खत्म होने का भरोसा जताया था।
सरकार बातचीत के जरिए मामले को सुलझाना चाहती है तो यह अच्छी बात है। किसान तो बातचीत के लिए तैयार हैं। किसान बातचीत में अड़चन पैदा नहीं कर रहे हैं। बॉर्डर सील होने से जनता को नुकसान हो रहा है। यह हमारी मजबूरी है,अपनी बात कहां रखे?: नरेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष pic.twitter.com/bGyN8SH5kd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 30, 2020
बैठक की खास बातेंः
- बैठक पांच घंटे तकस चली
- चार जनवरी 2021 को फिर होगी बातचीत
- सरकार ने किसानों को कमेटी बनाने की सलाह दी
- भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान सरकार से बातचीत जारी रखेंगे।
- आप नेता राघव चड्ढा ने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों के लिए हमने लंगर से लेकर कंबल तक का प्रबंध किया है। 30 दिसंबर से यहां वाई फाई भी स्थापित किया गया है।
- कृषि कानूनों पर चर्चा के बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और नरेंद्र सिंह तोमर ने विज्ञान भवन में किसान नेताओं के साथ लंच किया।
- किसान संगठनों ने आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की।