मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की आत्महत्या का रहस्य कायम, नहीं मिला कोई सुसाइड नोट

प्रयागराज के पूरनपुर गांव निवासी डॉ. मोनिका दुबे एलएलएआरएम मेडिकल कॉलेज में डीएमआरडी (रेडियोलॉजी) की छात्रा थी, जिसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

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एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में 5 जुलाई की देर रात एक महिला डॉक्टर ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। महिला डॉक्टर मेडिकल कॉलेज में डीएमआरडी की छात्रा थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी है।

 फंदे पर लटका मिला शव
प्रयागराज के पूरनपुर गांव निवासी डॉ. मोनिका दुबे एलएलएआरएम मेडिकल कॉलेज में डीएमआरडी (रेडियोलॉजी) की छात्रा थी। उसकी पीजी की लिखित और प्रयोगात्मक परीक्षा हो चुकी थी। इसके बाद वह अपने घर चली गई थी और 4 जुलाई को ही वापस मेरठ आई थी। 5 जुलाई को उसने मेडिकल कॉलेज में अपनी ड्यूटी की थी। देर रात उसके पति ने प्रयागराज से फोन किया तो वह उठ नहीं रहा था। इसके बाद पति ने मोनिका के सहपाठी डॉ. आसिफ को फोन किया। आसिफ ने भी मोनिका को फोन मिलाया, लेकिन बात नहीं हो पाई। इसके बाद हॉस्टल में रहने वाली अन्य छात्राओं को फोन किया गया। सबने मोनिका के कमरे पर जाकर देखा तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। फिर कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो मोनिका का शव फंदे पर लटका मिला। शव को नीचे उतार कर इमरजेंसी में ले गए तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

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शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया
मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच-पड़ताल की और परिजनों को घटना की सूचना दी। इंस्पेक्टर मेडिकल संतशरण सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। कमरे में से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। फोरेंसिक टीम को भी जांच में लगाया गया है। पुलिस महिला डॉक्टर के परिजनों का इंतजार कर रही है। 6 जुलाई को किसी भी समय वे मेरठ पहुंच सकते हैं।

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