भारतीय वायुसेना के लिए यह पहला अवसर है, जब वास्तविक जीवन में पिता-बेटी की जोड़ी ने एक ही फॉर्मेशन में एडवांस फाइटर ट्रेनर जेट उड़ाकर इतिहास रच दिया है। एयर कमोडोर संजय शर्मा और उनकी बेटी अनन्या ने हाल ही में कर्नाटक के वायु सेना स्टेशन बीदर में हॉक-132 विमान के समान फॉर्मेशन में उड़ान भरी। भारत के सैन्य विमानन इतिहास में लड़ाकू विमान में पिता और बेटी का एक साथ उड़ान भरने का यह कारनामा आसमान में टूटा है।
कौन हैं एयर कमोडोर संजय शर्मा?
एयर कमोडोर संजय शर्मा को 1989 में भारतीय वायुसेना की लड़ाकू विंग में कमीशन किया गया था। उन्हें लड़ाकू अभियानों का व्यापक अनुभव है। उन्होंने मिग-21 स्क्वाड्रन के साथ-साथ फ्रंटलाइन फाइटर स्टेशन की कमान संभाली है। उनकी बेटी अनन्या को इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में बीटेक पूरा करने के बाद वायु सेना की फ्लाइंग ब्रांच में प्रशिक्षण के लिए चुना गया।
कौन हैं फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा?
इसके बाद फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या को दिसंबर, 2021 में लड़ाकू पायलट के रूप में नियुक्त किया गया था। फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा तेज और अधिक बेहतर लड़ाकू विमान में स्नातक होने से पहले बीदर में भारतीय वायुसेना स्टेशन पर प्रशिक्षण ले रही हैं। इसमें एक साल के भीतर गहन युद्धाभ्यास और आयुध फायरिंग सीखना शामिल है ताकि वह ‘उड़ता ताबूत’ जैसे अक्षम पुराने लड़ाकू विमानों मिग -21 को संभाल सकें।
इस तरह रच दिया इतिहास
वायु सेना के अनुसार एयर कमोडोर संजय शर्मा ने 30 मई को कर्नाटक के बीदर में अपनी बेटी फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा के साथ हॉक उड़ान भरी। वायु सेना ने कहा कि दोनों ने हॉक-132 विमान के एक ही फॉर्मेशन में उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। वायु सेना ने आधिकारिक रूप से बताया है कि अभी तक भारतीय वायुसेना में ऐसा कोई भी उदाहरण नहीं है जहां एक पिता और उसकी बेटी एक ही मिशन के लिए एक ही फॉर्मेशन का हिस्सा रहे हों।
विश्वास के कारण किया कारनामा
यह वह मिशन था, जहां दोनों सिर्फ पिता और बेटी को विंगमैन के रूप में एक-दूसरे पर पूरा भरोसा था। वायु सेना ने एक तस्वीर भी जारी की है, जिसमें फाइटर पायलट पिता और बेटी के साथ पोज देते हुए दिखाया गया है। यह कारनामा दिखाने पर पिता और बेटी को ‘प्रेरणा’ के रूप में सम्मानित किया गया और वे इंटरनेट सेलिब्रिटी बन गए।