मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने वसूली मामले में उद्योगपति जीतेंद्र नवलानी को क्लीन चिट दे दी है। इससे उद्योगपति जीतेंद्र नवलानी को बड़ी राहत मिली है। उन पर कारोबारियों और डेवलपर्स से करोड़ों रुपये की रंगदारी वसूलने का आरोप था। इसकी जांच मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा तथा विशेष जांच दल कर रहा था।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष किरीट सोमैया ने 7 जुलाई को पत्रकारों को बताया कि पिछली सरकार ने जीतेंद्र नवलानी पर झूठे मामले दर्ज करवाए थे। इन मामलों की जांच में 60 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई लेकिन कोई तथ्य नहीं मिले थे। इसी वजह से जीतेंद्र नवलानी को मुंबई पुलिस ने क्लीन चिट दी है। सोमैया ने कहा कि इस मामले में वे तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील तथा तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे के विरुद्ध मानहानि का मामला दर्ज करने वाले हैं।
संजय राउत ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
इस संबंध में शिवसेना प्रवक्ता तथा राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने बताया कि अगर ऐसा है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस बारे में जिसने जांच का आदेश दिया था, उन्हें सामने आकर बताना चाहिए कि आखिर जांच क्यों शुरु की गई थी। राऊत ने बताया कि सरकार बनते ही इस तरह का निर्णय बहुत ही जल्दबाजी में लिया गया है, जो गलत है। मामले की गहन छानबीन करना जरुरी है लेकिन इसे रोक दिया गया है।
राउत का आरोप
उल्लेखनीय है कि राउत ने आरोप लगाया था कि मुंबई के कारोबारी जीतेंद्र नवलानी ईडी अधिकारियों के नाम का इस्तेमाल कर बिल्डरों से वसूली का रैकेट चला रहे हैं। राउत ने आरोप लगाया था कि 2015 से 2021 के बीच नवलानी ने फिरौती के तौर पर करीब 58.96 करोड़ रुपये की वसूली के लिए ईडी अधिकारियों के नाम का इस्तेमाल किया। राऊत ने जीतेंद्र नवलानी पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष किरीट सोमैया के साथ मिलकर वसूली का आरोप भी लगाया था।