पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवासीय परिसर में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर अंदर घुसने वाला शख्स हफीजुल मोल्ला का पूरा परिवार वामपंथी रहा है। वैसे तो घरवाले दावा कर रहे हैं कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है लेकिन उसकी गतिविधियां संदिग्ध हैं। राज्य सचिवालय के सूत्रों ने बताया है कि सीएम आवास में घुसपैठ की घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
बसीरहाट के हासनाबाद थाना अंतर्गत असरिया नारायणपुर गांव के रहने वाले 30 वर्षीय हफीजुल के घर एसआईटी की टीम पहुंची थी। उसकी पत्नी का नाम जेस्मीना बीबी है। पिता का नाम मनीरुल मोल्ला है। मां का नाम सलमा बीबी और बड़े भाई का नाम मइदुन मोल्ला है। बताया गया है कि यह पूरा परिवार काफी पहले से ही वामपंथी रहा है। उसके पिता क्षेत्र के दायित्व प्राप्त वामपंथी नेता थे। हालांकि ममता की सरकार आने के बाद परिवार तृणमूल में आ गया था।
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राज्य सचिवालय में भी घुसने की कोशिश
यह भी पता चला है कि सीएम आवास में घुसपैठ करने वाला हफीजुल सातवीं क्लास तक पढ़ा है और बीड़ी बनाने का काम करता था। कभी-कभी वह सड़क निर्माण आदि के काम में मजदूरी भी किया करता था। छह महीने पहले घर से झगड़ा कर वह कोलकाता चला गया था। यहां आकर गाड़ी चलाता था। इसके पहले वह राज्य सचिवालय में भी घुसने की कोशिश कर चुका था।
रॉड छुपाकर ले गया था आरोपी
2 जुलाई और 3 जुलाई की दरमयान रात जब वह सीएम आवास परिसर में घुसा था, तब बिल्कुल स्वस्थ हालत में था और अपनी कमीज के अंदर लोहे का रॉड छुपा कर ले गया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कमरे के ठीक सामने सात घंटे तक बैठा रहा। इसलिए सुरक्षा एजेंसियां इसे अन्य दृष्टिकोण से भी जांच रही हैं।
इसलिए आरोपी पर शक
पहले सचिवालय और अब मुख्यमंत्री आवास के अंदर उसका घुसना सामान्य गतिविधि नहीं है और किसी भी विक्षिप्त के लिए ऐसा करना लगभग असंभव है। इसके अलावा उसने अपनी कमीज के अंदर लोहे का रॉड छुपा कर मुख्यमंत्री के आवास के अंदर गया था। इसलिए माना जा रहा है कि उसका इरादा मुख्यमंत्री पर हमले का था। उससे और गहन पूछताछ हो रही है। पिछले हफ्ते से वह पुलिस की हिरासत में है और उससे पूछताछ चल रहा है। उसके एक मित्र ने एसआईटी को बताया है कि वह सामान्य है और सबके साथ मजदूरी आदि करता है।