उत्तर प्रदेश अर्जित करने जा रहा है एक और उपलब्धि, इस मामले में बनेगा प्रथम प्रदेश

योगी सरकार ने पिछले पांच वर्षों में प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में आमूलचूल परिवर्तन किया है।

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य में सड़कों का जाल बिछा रही है। तेजी से एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 जुलाई को इसको राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री पहले 12 जुलाई को आने वाले थे, लेकिन उनके कार्यक्रम में बदलाव हुआ है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में देश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे नेटवर्क की आधारशिला रखी थी। आने वाले समय में दुनिया के कई देशों से अधिक एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी प्रदेश में होगी। निर्माण कार्य पूरा होने के साथ ही उत्तर प्रदेश 13 एक्सप्रेसवे वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। 3200 किमी के कुल 13 एक्सप्रेसवे में से सात पर तेजी से काम चल रहा है, जबकि छह एक्सप्रेसवे संचालित हैं। 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को 16 जुलाई को प्रधानमंत्री लोकार्पित करेंगे। इसके माध्यम से बुंदेलखंड दिल्ली से सीधे जुड़ेगा।

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प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में आमूलचूल परिवर्तन
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि योगी सरकार ने पिछले पांच वर्षों में प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में आमूलचूल परिवर्तन किया है। इंफ्रास्ट्रक्चर अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन होते हैं। सड़कें तरक्की का आईना होती हैं। डबल इंजन की भाजपा सरकार ने सड़कों के कायाकल्प को लेकर व्यापक स्तर पर कार्य किया है। गांव की गलियों से लेकर, ब्लॉक मुख्यालय, जिला मुख्यालय, दूसरे राज्यों और दूसरे देशों को जोड़ने वाले सड़कों का संजाल निर्मित किया गया है। 70 साल में केवल डेढ़ एक्सप्रेसवे बने थे।

विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए बनाई जा रही हवाई पट्टियां
एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों की दशकों पुरानी मांग को डबल इंजन की सरकार ने पूरा किया है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे इसका उदाहरण है। साथ ही 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी ने किया है। यह एक्सप्रेसवे न केवल पूरब और पश्चिम की दूरी को कम करेगा, बल्कि दिलों को भी जोड़ने का कार्य करेगा। इसके अलावा लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, गाजीपुर-बलिया-मांझीघाट एक्सप्रेसवे और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। इसका लाभ सभी प्रदेशवासियों को मिलेगा। हाइवेज और एक्सप्रेसवेज के किनारे औद्योगिक गलियारे भी बनाए जा रहे हैं। ये गलियारे तीव्र संतुलित और समावेशी विकास के साथ-साथ रोजगार की अपार संभावनाओं को गति देंगे। इसके लिए जमीनें चिह्नित की गई हैं। आपातकाल में वायुसेना के विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए हवाई पट्टियां भी बनाई जा रही हैं।

पिछड़ेपन के दाग से बुंदेलखंड होगा मुक्त
दशकों से पिछड़ा बुंदेलखंड अब सीधे दिल्ली से जुड़ने वाला है। डीएनडी फ्लाइवे नौ किमी, नोएड-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे 24 किमी, यमुना एक्सप्रेसवे 165 किमी, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे 135 किमी और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 296 किमी कुल 630 किमी की यात्रा दिल्ली से चित्रकूट तक निर्बाध गति से की जा सकेगी। बुंदलेखंड एक्सप्रेसवे लोगों को दिल्ली सहित अन्य राज्यों से भी जोड़ेगा। इससे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा आदि जिलों के लोग लाभान्वित होंगे। बांदा सदर सीट से भाजपा के विधायक प्रकाश द्विवेदी कहते हैं कि देश में मोदी और उप्र में योगी सरकार आने के बाद से बुंदेलखंड का तेजी से विकास हुआ है। इस एक्सप्रेसवे से बुंदेलखंड के सीधा दिल्ली से जुड़ने का लाभ लोगों को मिलेगा और पिछड़ेपन के दाग से बुंदेलखंड मुक्त हो सकेगा।

उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे का नेटवर्क
1. यमुना एक्सप्रेसवे- 165 किमी
2. नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे- 25 किमी
3. आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे- 302 किमी
4. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे- 96 किमी
5. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे- 341 किमी
6. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे- 296 किमी

कुल संचालित एक्सप्रेसवे- 1225 किमी

निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे
1. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे- 91 किमी
2. गंगा-एक्सप्रेस वे- 594 किमी
3. लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे- 63 किमी
4. गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे- 380 किमी
5. गोरखपुर-सिलिगुड़ी एक्सप्रेसवे- 519 किमी
6. दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे- 210 किमी
7. गाजीपुर-बलिया-मांझीघाट एक्सप्रेसवे- 117 किमी

कुल निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे- 1974 किमी

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