काशी के मठ-मंदिरों में गुरु पूर्णिमा की तैयारी शुरू, इस बार बन रहा है ऐसा विशेष संयोग

काशी में गुरु पूर्णिमा की पूर्व संध्या से ही शिष्यों और आस्थावानों के जत्थे आश्रमों, मठों और गुरुपीठों में आने लगते हैं।

97

गुरु आराधना का महापर्व गुरु पूर्णिमा की तैयारी काशी के मठ-मंदिरों में शुरू हो गई है। मठ-मंदिरों में साफ सफाई रंग-रोगन के साथ सजावट का कार्य भी शुरू हो गया है। इस बार आषाढ़ पूर्णिमा की तिथि 13 जुलाई बुधवार को सुबह 4 बजे से प्रारंभ होगी और 14 जुलाई की रात 12 बजकर 6 मिनट पर समाप्त होगी। इस बार गुरुपर्व पर कई शुभ योग भी बन रहे हैं। इस दिन शश, हंस, भद्र और रुचक नामक 4 राज योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन बुध ग्रह भी अनुकूल स्थिति में रहेंगे, जिससे बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है और शुक्र ग्रह मित्र ग्रहों के साथ हैं। इसे बहुत शुभ माना जा रहा है।

आचार्य मनोज पाठक बताते हैं कि इस दिन पुराणों की रचना करने वाले भगवान वेदव्यास का जन्म हुआ था। इस दिन को व्यास जयंती भी कहते हैं। गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा और उनका सम्मान करना चाहिए। सनातन धर्म में गुरु को भगवान से ऊपर का दर्जा दिया गया है। ऐसे में इस दिन अपने गुरुओं और बड़ों का आशीर्वाद लेना चाहिए। बौद्ध धर्म को मानने वालों के लिए गुरु पूर्णिमा तिथि खास है। इस दिन ही गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करने के बाद सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था। इसलिए, बौद्ध धर्म को मानने वाले गौतम बुद्ध को श्रद्धांजलि देने के लिए गुरु पूर्णिमा पर्व मनाते हैं।

यह भी पढ़ें-भारत के पहले मानव मिशन ‘गगनयान’ के लिए ‘अंतरिक्ष भोजन’ का मेन्यू फाइनल, इडली सांबर के साथ ही ये व्यंजन शामिल

काशी में गुरु पूर्णिमा की पूर्व संध्या से ही शिष्यों और आस्थावानों के जत्थे आश्रमों, मठों और गुरुपीठों में आने लगते हैं। सर्वेश्वरी समूह आश्रम पड़ाव, संत मत अनुयायी आश्रम मठ गड़वाघाट, बाबा कीनाराम स्थली क्रीं कुंड में मेला लगता है। पर्व पर पूर्व पीठाधीश्वरों की पूजा आरती के बाद ही दर्शन पूजन शुरू होता है। मणिकर्णिकाघाट स्थित सतुआ बाबा आश्रम में प्रथम सतुआबाबा रणछोड़ दास एवं षष्ठपीठाधीश्वर यमुनाचार्य महाराज की चरण पादुका पूजन से उत्सव प्रारम्भ होता है। इसी तरह बाबा कीनाराम स्थली क्रींकुंड शिवाला में सुबह आरती, श्रमदान के बाद अघोरेश्वर की समाधियों का पूजन का विधान है। पड़ाव स्थित अवधूत भगवान राम आश्रम में पीठाधीश्वर गुरु पद संभव राम के पूजन के लिए लाखों श्रद्धालु जुटते हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.