पंढरपुर के विकास को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार वो करने जा रही है जो आज तक नहीं हुआ। पंढरपुर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं, सरकार इस जगह के विकास के लिए विशेष योजना तैयार कर रही है ताकि उन्हें असुविधा न हो। यह सरकार काशी, तिरुपति जैसे मंदिरों की तर्ज पर पंढरपुर को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने ऐसे निर्देश दिए हैं। 10 जुलाई को पंढरपुर में आषाढ़ी पूजा के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सभा को संबोधित किया।
शिंदे ने कहा कि सरकार पंढरपुर मंदिर और उसके आसपास का चेहरा बदलने की कोशिश करेगी। जिजाऊ, पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर, डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर के स्मारक के लिए आवश्यक धनराशि शहरी विकास विभाग द्वारा प्रदान की जाएगी।
“मैं ज्यादा बात नहीं करता..”
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि लोकतंत्र में बहुमत महत्वपूर्ण है। हमारे पास बहुमत से ज्यादा विधायक हैं। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में 11 जुलाई को सुनवाई होगी। फैसला हमारे पक्ष में होगा क्योंकि हमारा पक्ष में कानून है। हालांकि, सामने वाले लोग बार-बार कोर्ट जा रहे हैं और कोर्ट भी बोर हो रहा है।”
“मैं किसी की आलोचना नहीं करता”
मुख्यमंत्री ने कहा,”मैं कभी किसी की आलोचना नहीं करता, मैं ज्यादा बात नहीं करता और कड़ी मेहनत करता हूं। जब मैं दिल्ली से आया तो सड़क के दोनों ओर हजारों की संख्या में लोग खड़े थे। जब बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया तो शिवसेना प्रमुख का सपना साकार हुआ। बालासाहेब के विचारों को हम सदन में खुलकर व्यक्त नहीं कर पाए, हमारे 50 विधायकों का अस्तित्व खतरे में था।” मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमने इस भूमिका को भारी मन से लिया, आज जब हम इसे देखते हैं तो लगता है कि हमारी यह भूमिका आम आदमी की मांग पर है।