अमरनाथ में बादल फटने से हुए हादसे में नागौर के चार दोस्तों की मौत हो गई। इसमें मकराना शहर के सरकारी स्कूल के हैडमास्टर, कुचामन और डीडवाना क्षेत्र के लोग शामिल हैं। ये लोग तीन जुलाई को अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुए थे। जिला कलेक्टर पीयूष समारिया ने इसकी पुष्टि की है।
10 जुलाई देर शाम परिवार वालों को यह दुखद समाचार मिला। शवों को एयरलिफ्ट करके भिजवाने की व्यवस्था की जा रही है। 11 जुलाई को किशनगढ़ एयरपोर्ट से इनके शवों को गांवों तक पहुंचाया जाएगा। अमरनाथ हादसे में अब तक राजस्थान के सात लोगों की मौत हो चुकी है। श्रीगंगानगर के पूर्व सीआई और उनके दो रिश्तेदार भी इसी हादसे के शिकार हुए थे। हादसे में चार दोस्तों की मौत की जानकारी परिजनों को दे दी गई है। छह जुलाई को उन्होंने पहलगाम से अपनी यात्रा शुरू की थी। आठ जुलाई को वे हादसे से पहले अमरनाथ यात्रा दर्शन कर लौट रहे थे लेकिन हादसे के शिकार हो गए। बाबा अमरनाथ की गुफा में दर्शन के लिए जाने से पहले उन्होंने अपने गांव के एक ग्रुप में अपने फोटो पोस्ट किए थे। उनके अमरनाथ गुफा में दर्शन करने की सूचना परिजनों को मिल भी गई थी लेकिन उसके बाद ही हादसा हो गया जिसमें चारों दोस्तों की जान चली गई।
हादसे के बाद से शुरुआती तौर पर मिले 15 शवों में ही चारों दोस्तों के शव बरामद हो गए थे लेकिन शिनाख्त नहीं हो पाने के कारण सूचना नहीं मिल पाई थी। दो दिन से परिजनों से संपर्क नहीं हो पाने की वजह से परिजन भी चिंतित थे। नजदीकी रिश्तेदारों से शिनाख्त करवाने के बाद स्थानीय प्रशासन को जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से सूचना दी गई। घटना की सूचना मिलने के बाद से ही परिवार शोक में डूबा है। हादसे के शिकार हुए चारों दोस्त फाइनेंस के व्यवसाय से जुड़े हुए थे और लंबे समय से एक साथ काम कर रहे थे। हादसे में मृतकों में प्रहलाद राम नागरमल (36) निवासी तोषीणा, यजुवेंद्र सिंह (42) पुत्र शंकर सिंह थेबड़ी, विजय सिंह (41) पुत्र भंवर सिंह निवासी बरवाला और वीर सिंह (48) निवासी रूपपुरा शामिल हैं।
जिला कलेक्टर पीयूष सामरिया ने बताया कि कि चारों दोस्त साथ ही अमरनाथ यात्रा पर गए थे। परिवार वालों को सूचना दी गई है। आगे की जानकारी दिल्ली से मैसेज आने के बाद दी जाएगी।
Join Our WhatsApp Community