चुनौती देने को तैयार स्वदेशी युद्धपोत, नौसेना बेड़े में विक्रांत की आगमन तिथि तय

भारत रक्षा क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है। इसके अंतर्गत स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने का कार्य भी संयुक्त रूप से चल रहा है।

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स्वदेशी विमानवाहक पोत (आईएसी) के लिए समुद्री परीक्षण का चौथा चरण हो गया है। इसके अंतर्गत एविएशन फैसिलिटी कॉम्प्लेक्स उपकरणों सहित अधिकांश उपकरणों एवं प्रणालियों के एकीकृत परीक्षण किए गए। इस युद्धपोत की आपूर्ति का लक्ष्य इस वर्ष जुलाई के अंत में रखा गया है, अगस्त 2022 में इस विमानवाहक युद्धपोत को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाते हुए भारतीय नौसेना में कमीशन किया जाएगा।

निर्माण में स्वदेशी को बल
भारतीय नौसेना एवं कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा 76% से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ एयरक्राफ्ट कैरियर की स्वदेशी डिजाइन और निर्माण ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया इनिशिएटिव’ का एक शानदार उदाहरण है। इससे स्वदेशी डिजाइन और निर्माण क्षमताओं में वृद्धि हुई है, इसके अलावा बड़ी संख्या में सहायक उद्योगों का विकास हुआ है, जिसमें 2000 से अधिक सीएसएल कर्मियों और सहायक उद्योगों में लगभग 12000 कर्मचारियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।

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ऐसी रही परीक्षण प्रक्रिया
स्वदेशी विमानवाहक पोत (आईएसी) का पहला समुद्री परीक्षण अगस्त 2021 को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इसके बाद क्रमशः अक्टूबर 2021 और जनवरी 2022 को दूसरे और तीसरे चरण के समुद्री परीक्षण किए गए। समुद्री परीक्षण के इन तीन चरणों के दौरान, प्रणोदन मशीनरी, विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक सूट, डेक मशीनरी, जीवन रक्षक उपकरण, जहाज के नेविगेशन और संचार प्रणालियों का एंड्योरेंस परीक्षण किया गया।

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