जम्मू-कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की त्रासदी में आंध्र प्रदेश के लापता तीर्थयात्रियों की संख्या 35 हो गई। इस हादसे में मरने वालों में आंध्र प्रदेश के राजामहेंद्रवाराम की दो महिलाएं भी हैं। सरकार ने हादसे को लेकर एक हेल्पलाइन भी शुरू की है। सरकार ने राज्य के लोगों की मदद और जम्मू सरकार से समन्वय रखने के लिए एक अधिकारी को श्रीनगर भेजा है।
11 जुलाई को राज्य सरकार ने एक बयान जारी कर बताया कि अब तक राज्य के 84 तीर्थयात्री सुरक्षित हैं। इन यात्रियों का अपने परिजनों और अधिकारियों से संपर्क हो गया है। 10 जुलाई को राज्य सरकार ने बताया था कि अमरनाथ त्रासदी में राजामहेंद्रवरम की दो महिलाओं का पता नहीं चला है। बाद में इन दोनों महिलाओं की मौत होने की पुष्टि हुई है। इनकी पहचान आंध्र प्रदेश के राजा महेंद्रवाराम सुधा और पार्वती के रूप में हुई है। इनमें सुधा का शव श्रीनगर की मोर्चरी और पार्वती का पार्थिव शरीर नई दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज में है।
35 लोग अब भी लपता
उन्होंने बताया कि राज्य के 35 लोग अभी लापता हैं। इनके रिश्तेदारों ने अधिकारियों को फोन कर बताया कि उनके परिजनों का पता नहीं चल पाया है। इनमें नेल्लूर के दो समूहों के 29 सदस्य, एलुरु के दो व्यक्ति, राजामहेंद्रवरम के एक परिवार के तीन और तनुकु के पास उंद्राजवरम का एक परिवार शामिल है।
हेल्पलाइन जारी
आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य के तीर्थयात्रियों को आवश्यक सूचना और सहायता देने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 1902 भी शुरू की है। इसके अलावा नई दिल्ली स्थित आंध्र प्रदेश भवन में भी हेल्पलाइन स्थापित की गई है। राज्य सरकार ने अपने बयान में बताया कि जम्मू कश्मीर के स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय करने और राज्य के तीर्थयात्रियों सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आंध्र प्रदेश भवन के अतिरिक्त रेजिडेंट कमिश्नर हिमांशु कौशिक को श्रीनगर भेजा है।
16 लोगों की मौत, 41 अब भी लापता
बता दें कि 8 जुलाई की शाम को पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ में 16 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा अभी 41 लोग लापता हैं। घटनास्थल पर बड़े पैमाने पर बचाव और राहत अभियान चलाया जा रहा है।