शांति मिशन में भी ना’पाकी’!

संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के अंतर्गत अशांत देश कांगो में कई देशों के शांति सैनिक कार्य कर रहे हैं। इसमें पाकिस्तानी सेना के सैनिक भी हैं। अब इन पर आरोप है कि मुस्लिम अल्पसंख्यक इस देश में इन्होंने इस्लामीकरण का एजेंडा प्रसारित करने की कोशिश की थी।

147

पाकिस्तान का धर्मांतरण एजेंडा लेकर उसका सैन्य अधिकारी कांगो में काम कर रहा था। वो वहां शांति स्थापना के लिए संयुक्त राष्ट्र के मिशन पर था लेकिन अपनी मानसिकता के चलते वहां इस्लाम धर्म में मिशन के दूसरे कर्मियों को धर्मांतरित करने का प्रयास कर रहा था।

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनवा प्रांत के कोहाट में दो दिन पहले ही हिंदू मंदिर को स्थानीय बहुसंख्य मुस्लिमों ने आग के हवाले कर दिया था। अब समाचार है कि संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में गई पाकिस्तानी सेना ने धर्मांतरण का धंधा शुरू कर दिया है। वहां पर पाकिस्तानी टुकड़ी के मुखिया कर्नल साकिब मुश्ताकी पर ये आरोप लगा है। संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के जनरल हेडक्वाटर्स ने इस मामले में आंतरिक जांच के आदेश दिये हैं।

ये भी पढ़ें – ऐसे बनीं हिंदुस्थानी गांव की पाकिस्तानी प्रधान!

शांति के बदले मिशन इस्लाम स्थापना

कांगो में संयुक्त राष्ट्र का शांति मिशन चल रहा है। इसके लिए विश्व के कई देशों से शांति सैनिक वहां पर सुरक्षा कार्य कर रहे हैं। वहां पर युनाइटेड नेशन्स ऑर्गेनाइजेशन स्टेबिलाइजेशन मिशन का कार्य चल रहा है। इसमें पाकिस्तान सेना भी सम्मिलित है। इस मिशन में पाकिस्तान सेना के कर्नल साकिब मुश्ताकी डेप्युटी कमांडर हैं। अपनी इस तैनाती के दौरान साकिब संयुक्त राष्ट्र के कई ईसाई मिशनों से मिले और उन्हें इस्लाम में धर्मांतरित होने की पेशकश की। कांगो में इस्लाम धर्म अल्पसंख्यक है।

ये भी पढ़ें – अरे जनाब वाह शिवसेना फर्माइये

इस्लामीकरण का प्रयत्न हुआ था पहले भी

  • पाकिस्तान की इस्लामी चाल की यह पहली घटना नहीं है। वर्ष 2012 में पाकिस्तानी शांति सैनिकों पर एक 14 वर्षीय किशोरी का शील भंग करने का आरोप लगा था। जिसके बाद हैती और पाकिस्तानी सैन्य ट्रिब्यूनल ने दो सैनिकों को बर्खास्त कर दिया।
  • संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम पर डोमेस्टिक वायलेंस का आरोप लगा था। जिसे बाद में आउट ऑफ कोर्ट सेटल किया गया। यह मुद्दा विदेशी समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ था।
  • अमेरिका में भी पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों का आचरण उचित न होने के कारण उनपर 2018-2019 में ट्रैवल रिस्ट्रिक्शन लगा दिया गया था।
Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.