राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के 13 जुलाई सुबह देश से भाग जाने के बाद जनता के धैर्य का बांध टूट गया। गुस्साए लोग प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के सरकारी आवास की तरफ बढ़ने लगे। देश में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री ने पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगाने और पूरे द्वीप में आपातकालीन लागू करने का आदेश दिया है। यह जानकारी श्रीलंका के समाचार पत्र डेली मिरर ने दी है।
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इस अखबार के मुताबिक प्रधानमंत्री ने सुरक्षा बलों को दंगा भड़काने वालों को गिरफ्तार करने का भी आदेश दिया। इस बीच संसद के स्पीकर ने कहा कि उन्हें अब तक राजपक्षे का इस्तीफा नहीं मिला है। उल्लेखनीय है कि आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में लंबे समय से प्रदर्शन कर रही जनता राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रही है।
देश छोड़कर भागे राष्ट्रपति
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे सपत्नीक देश छोड़कर भाग गए। राजपक्षे इस समय मालदीव की राजधानी माले में हैं। आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा से घिरे श्रीलंका को मझधार में छोड़कर वे 13 जुलाई की सुबह मालदीव की राजधानी माले पहुंचे। श्रीलंका के आव्रजन अधिकारियों ने गोटाबाया राजपक्षे, उनकी पत्नी और एक अंगरक्षक समेत चार लोगों के एंटोनोव-32 सैन्य विमान से मालदीव रवाना होने की पुष्टि की है। सैन्य विमान ने मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी।
सड़कों पर भूखी-प्यासी जनता
श्रीलंका की भूखी-प्यासी जनता सड़कों पर है। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के महल और प्रधानमंत्री आवास पर कब्जा कर लिया है। इस संकट के बीच राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के परिवार के सदस्य देश से भागने की जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं। गोटाबाया राजपक्षे के छोटे भाई पूर्व वित्तमंत्री बासिल राजपक्षे सपरिवार 12 जुलाई को कटूनायके एयरपोर्ट पर स्थित सिल्क रूट डिपार्चर टर्मिनल से देश छोड़कर भागने की फिराक में थे। इस बीच आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया। इसलिए वह भाग नहीं पाए।