हमारा इतिहास हारे हुए लोगों का इतिहास नहीं है, यदि ऐसा होता तो हम जीवित न होते। परंतु, लंबे काल से आक्रांताओं की त्रुटियों को छुपाने के लिए ऐतिहासिक सच्चाई छुपाई गई। यह प्रतिपादन स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर का है। वे स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक और शिवराज्याभिषेक दिनोत्सव सेवा समिति दुर्गराज रायगड द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। बता दें कि, गुरु पूर्णिमा के दिन से मोडी लिपि प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया है।
मोडी लिपि का प्रशिक्षण वर्ग रविवार को सबेरे 9 बजे से 11 बजे के बीच स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में होगा। देश का इतिहास मोडी लिपि में बद्ध है। इसलिए इतिहास संशोधकों के लिए इसका ज्ञान अतिआवश्यक है। इस कार्यक्रम में सुनील कदम ने मोडी लिपि की आवश्यकता के बारे में बताया, जबकि प्रतीक पाटणकर ने पावनखिंडी के संग्राम के इतिहास को लोगों के समक्ष रखा। मोडी लिपि प्रशिक्षण वर्ग स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक, मुंबई और शिवराज्याभिषेक दिनोत्सव सेवा समिति दुर्गराज रायगड के संयुक्त तत्वावधान में होता है। गुरु पूर्णिमा दिन के कार्यक्रम में स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर और शिवराज्याभिषेक दिनोत्सव सेवा समिति के अध्यक्ष सुनील पवार, श्री शिवाजी रायगड स्मारक मंडल के कार्यवाह सुधीर थोरात, प्रतीक पाटणकर उपस्थित थे।
ये भी पढ़ें – शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट को फिर लगा झटका, इस नेता पुत्र ने युवा सेना में लगाई सेंध
♦ इस कार्यक्रम में मोडी लिपि प्रशिक्षण वर्ग द्वारा ली गई स्पर्धाओं के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किया गया।
मोडी लिपी लिप्यंतर स्पर्धा 2022 में प्रथम क्रमांक रिद्धि रवींद्र गुरव, द्वितीय क्रमांक प्रकाश शिवाजी डुंबरे और तृतीय क्रमांक अनिल सीताराम धुरी को दिया गया।
सुंदर मोडी हस्ताक्षर स्पर्धा 2022 का प्रथम क्रमांक रिद्धि रवींद्र गुरव, द्वितीय क्रमांक सचिन श्रीकांत भागवत, तृतीय क्रमांक राहुल शिरिष गोगटे को दिया गया।
Join Our WhatsApp Community