भारत, इजराइल, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को सहेजे नवोदित संगठन आईटूयूटू की पहली शिखर बैठक 14 जुलाई को होगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ऑनलाइन होने वाली इस बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो. बाइडेन, इजराइल के प्रधानमंत्री यैर लैपिड और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान शामिल होंगे। इस बीच इजराइल ने उम्मीद जताई है कि यह बैठक वृहद बदलाव वाली साबित होगी।
इजरायल को उम्मीद
बीते वर्ष अक्टूबर में इजराइल में भारत, इजराइल, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्रियों की पहल के बाद आईटूयूटू संगठन की स्थापना हुई थी। इस संगठन का पहला शिखर सम्मेलन 14 जुलाई को आयोजित करने का ऐलान हुआ। पहली बैठक को लेकर आशान्वित इजराइल के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी मेजर जनरल याकोव अमिद्रोर ने कहा कि यह बैठक वृहद बदलाव वाली साबित होगी। इसके बाद भारत और अमेरिकी साझेदारी भी नए रूप में सामने आएगी। इसमें इजराइल और यूएई में रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की उम्मीद है। भारत की भूमिका यूरोप और इजराइल के साथ एक सेतु की है और पूरे संदर्भ में भारत एक बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
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इन मुद्दों पर ध्यान
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने भी इस समूह को बेजोड़ करार दिया। इसके पहले सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा संकट और स्वच्छ ऊर्जा को आगे बढ़ाने पर खासतौर से ध्यान दिया जाएगा। अमेरिकी अधिकारी ने इस संगठन के साथ दो सौ करोड़ डॉलर की कार्ययोजना पर काम करने की बात कही। इस राशि से संयुक्त अरब अमीरात और भारत में कृषि पार्कों के विकास पर जोर दिया जाएगा, ताकि खाद्य सुरक्षा के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। भारत की ओर से कहा गया कि यह समूह पानी, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा जैसे छह पारस्परिक रूप से पहचाने गए क्षेत्रों में संयुक्त निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए काम करेगा।