उत्तर प्रदेश बना सबसे अधिक एक्सप्रेस वे वाला राज्य, प्रधानमंत्री ने किया एक और लोकार्पण

उत्तर प्रदेश में 13 एक्सप्रेस वे हैं, जिसमें से सात एक्सप्रेस वे पर कार्य चल रहा है। पूरी परियोजना होने पर उत्तर प्रदेश में बत्तीस सौ किलोमीटर का एक्सप्रेस वे मार्ग होगा।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चित्रकूट और इटावा को जोड़ने वाले 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शनिवार को उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि खराब कानून व्यवस्था और कनेक्टिविटी उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख मुद्दे थे। अगर इनको ठीक कर दिया जाए तो प्रदेश में चुनौतियों को चुनौती देने का माद्दा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार में कानून व्यवस्था भी सुधरी है और कनेक्टिविटी में भी तेजी से सुधार हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम देश के वर्तमान के लिए नई सुविधाएं ही नहीं गढ़ रहे बल्कि देश का भविष्य भी गढ़ रहे हैं। यह एक्सप्रेस-वे तरक्की का एक्सप्रेस-वे साबित होगा।

प्रधानमंत्री ने जालौन जिले के कैथरी गांव में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि एक्सप्रेस-वे यहां सिर्फ वाहनों को गति नहीं देगा बल्कि ये पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को गति देगा। एक समय था जब माना जाता था कि यातायात के आधुनिक साधनों पर पहला अधिकार सिर्फ बड़े-बड़े शहरों का ही है लेकिन अब सरकार भी बदली है, मिजाज भी बदला है। पुरानी सोच को पीछे छोड़कर, हम एक नए तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश नए संकल्पों को लेकर अब तेज गति से दौड़ने के लिए तैयार हो चुका है। यही सबका साथ है, सबका विकास है। कोई पीछे न छूटे, सब मिलकर काम करें, इसी दिशा में डबल इंजन की सरकार लगातार काम कर रही है। प्रदेश के छोटे-छोटे जिले हवाई सेवा से जुड़ें, इसके लिए भी तेजी से काम किया जा रहा है।

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मोदी ने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे के बगल में जो स्थान हैं, वहां बहुत सारे किले हैं। यूरोप के बहुत सारे देशों में किले देखने का बहुत बड़ा पर्यटन उद्योग चलता है। मोदी ने कहा, मैं आज योगी सरकार से कहूंगा कि अब बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे बनने के बाद आप भी इन किलों को देखने के लिए एक शानदार टूरिज्म सर्किट बनाइए। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार में आज उत्तर प्रदेश जिस तरह आधुनिक हो रहा है, ये अभूतपूर्व है। सरयू नहर परियोजना को पूरा होने में 40 साल लग गए, उसे हमने पूरा किया। 30 साल से बंद गोरखपुर फर्टिलाइजर प्लांट को डबल इंजन की सरकार ने शुरू किया, 12 साल से चल रही अर्जुन डैम परियोजना को तेज गति से हमने पूरा किया। उन्होंने कहा कि एक समय में उप्र में सिर्फ 12 मेडिकल कॉलेज थे, आज 35 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज हैं और 14 नए मेडिकल कॉलेज में काम चल रहा है।

मोदी ने कहा कि पहले की सरकार के समय उप्र में हर साल औसतन 50 किमी रेललाइन का दोहरीकरण होता था, आज औसतन 200 किमी रेललाइन का दोहरीकरण हो रहा है। वर्ष 2014 से पहले उप्र में सिर्फ 11,000 कॉमन सर्विस सेंटर थे, आज 1.30 लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर काम कर रहे हैं। विकास की जिस धारा पर आज देश चल रहा है उसके मूल में दो पहलू हैं- एक है इरादा और दूसरा है मर्यादा। हम देश के वर्तमान के लिए नई सुविधाएं ही नहीं गढ़ रहे बल्कि देश का भविष्य भी गढ़ रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास और लोकार्पण दोनों हमारी सरकार में हुआ। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे भी इसी का उदाहरण है। इसका काम अगले साल फरवरी में पूरा होना था, लेकिन ये 7-8 महीने पहले ही सेवा के लिए तैयार है। हम समय की मर्यादा का पालन कैसे करते हैं, इसके अनगिनत उदाहरण उप्र में ही हैं। काशी में विश्वनाथधाम के सुंदरीकरण का काम हमारी ही सरकार ने ही शुरू किया और हमारी सरकार ने पूरा किया।

देश की आजादी के अमृत महोत्सव का जिक्र कर प्रधानमंत्री ने कहा, मैं आप सबको याद दिलाना चाहता हूं कि 15 अगस्त तक पूरे महीने, हिंदुस्तान के हर घर और हर गांव में आजादी का अमृत महोत्सव मनना चाहिए और शानदार तरीके से मनना चाहिए।

विपक्ष पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजकल हमारे देश में मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने का कल्चर लाने की कोशिश हो रही है। ये रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिए बहुत घातक है। रेवड़ी कल्चर से देश के लोगों को बहुत सावधान रहना है। रेवड़ी कल्चर वाले कभी आपके लिए नए एक्सप्रेस-वे नहीं बनाएंगे, नए एयरपोर्ट या डिफेंस कॉरिडोर नहीं बनाएंगे। रेवड़ी कल्चर वालों को लगता है कि जनता जनार्दन को मुफ्त की रेवड़ी बांटकर, उन्हें खरीद लेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें मिलकर उनकी इस सोच को हराना है, रेवड़ी कल्चर को देश की राजनीति से हटाना है। डबल इंजन की सरकार विकास कर रही है।

14,850 करोड़ की लागत से निर्मित यह एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के सात जिलों- चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरेगा। इससे स्थानीय लोगों को राजधानी दिल्ली तक पहुंचने में आसानी होगी, साथ ही क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की तकदीर भी बदल जाएगी।

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