मुंबई में पानी की टेंशन खत्म हो गई है। जुलाई के आधे महीने में ही महानगर में जलापूर्ति करने वाली तीन झीलें लबालब भर गई हैं। बाकी की चार झीलों में भी बड़ी मात्रा में पानी जमा हुआ है। मानसून इसीतरह बना रहा तो जल्द ये झीलें भी ओवरफ्लो होकर बहने लगेंगी।
झीलों की स्थिति
मुंबई को पीने का पानी सप्लाई करने वाली सातों झीलों में से मोडक सागर, तानसा, और तुलसी लबालब भर गई हैं। बाकी की चार झीलों में लगभग 68 प्रतिशत से ज्यादा पानी जमा हो गया है। अबतक 7 झीलों में कुल क्षमता का 79 प्रतिशत पानी अर्थात 114 लाख एमएलडी पानी जमा हुआ है। जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा मात्र 17 प्रतिशत था। मुंबई मनपा के अनुसार तुलसी झील की 8,046 एमएलडी पानी संचयन की क्षमता है। इस साल 16 जुलाई को यह भरी है। साल 2020 में 27 जुलाई को, साल 2019 में यह 12 जुलाई को भरी थी। साल 2018 में 9 जुलाई को, साल 2017 में 14 अगस्त को और साल 2016 में 19 जुलाई को तुलसी झील भरी थी। अपर वैतरणा झील में 66.81 प्रतिशत, तानसा झील में 100 प्रतिशत, मध्य वैतरणा में 86.6 प्रतिशत, भातसा झील 76.3 प्रतिशत, विहार झील में 68 प्रतिशत, तुलसी झील 99.8 प्रतिशत, मोडक सागर झील में 99.3 प्रतिशत पानी जमा हुआ है।
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जुलाई में भारी बारिश
इस वर्ष जुलाई महीने तक ही रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है। पिछले वर्ष 16 जुलाई तक तूफान भले ही आए थे लेकिन बारिश कम हुई थी। पिछले वर्ष सात झीलों में मात्र 17 प्रतिशक्त पानी बचा था। मनपा तब जल संकट में आ गई थी। लेकिन इस बार अच्छी बारिश ने मुंबईवासियों को बड़ी राहत दी है।