लद्दाख में भारत-चीन सीमा की कुछ सैटेलाइट इमेज सामने आई हैं। जिनमें दिखाया गया है कि भारतीय सेना पैंगांग त्सो और स्पैंगुर त्सो इलाके में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ठिकानों पर तैनात है। इन सैटेलाइट दृश्यों ने विपक्ष के उन दावों की पोल खोल दी है। जिसमें वो चीन द्वारा भारत की भूमि पर कब्जा करने के आरोप लगाता रहा है।
चीन के साथ जारी सीमा विवाद में विपक्ष लगातार आरोप लगाता रहा है कि चीन ने भारतीय सीमा क्षेत्र में प्रवेश करके भारत की भूमि पर कब्जा जमा लिया। उन्होंने प्रश्न भी किया था कि भारत सरकार कब तक भारतीय भूमि को वापस लेगी या इस मुद्दे को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
The Chinese have taken our land.
When exactly is GOI planning to get it back?
Or is that also going to be left to an 'Act of God'?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 11, 2020
विपक्ष के इन प्रश्नों पर सरकार की ओर से उत्तर दिया जाता रहा है लेकिन इस पर सत्ता पक्ष कभी उतना मुखर होकर नहीं बोला जितना राहुल गांधी प्रहार करते रहे हैं। इस मुद्दे पर एक साक्षात प्रमाण सामने आया है। एक सैटेलाइट इमेज प्रदाता कंपनी द्वारा नव वर्ष पर जारी किये गए इमेज में ये दिखाया गया है कि भारतीय सेना पैंगोंग त्सो और स्पैंगुर त्सो पर मुस्तैदी से तैनात है। इससे कुछ दूरी पर चीनी सेना के कैंप भी हैं।
Throughout the #IndiaChinaStandOff, the silence of #India's political leadership enabled many to create havoc & panic, however images tactfully released at the end of 2020 when geolocated re-affirm Indian strategic deployments in #PangongTso & #SpanggurTso pic.twitter.com/VSbY1MrRdy
— Damien Symon (@detresfa_) January 1, 2021
सीमा पर भारत मजबूत
लद्दाख सीमा पर भारतीय सेना रणनीतिक रूप से अति महत्वपूर्ण 13 ठिकानों पर तैनात है। ये सभी वे क्षेत्र हैं जो उंचाई पर हैं। इस पर एसएफएफ की तैनाती की गई है। यह पूरा क्षेत्र पैंगोंग त्सो झील और और स्पैंगुर त्सो में आता है। पैंगोंग त्सो 16 हजार फीट की उंचाई पर स्थित झील है। जिसमें पहले भारतीय और चीनी सेनाएं निगरानी करती थीं।
क्या है एसएफएफ?
भारतीय सेना में एसएफएफ यानी स्पेशल फ्रंटियर फोर्स एक यूनिट है। जो तिब्बती शरणार्थियों को लेकर गठित की गई है। इसका गठन 1962 में भारत-चीन युद्द के बाद किया गया था। एसएफएफ और विकास बटालियन ने ही रात के अंधेरे और एकदम विपरीत मौसम में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ऊंचे ठिकानों पर कब्जा किया था।
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