सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच 18 जुलाई को सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाण बनाने के मामले की सुनवाई करेगा।
इससे पहले 12 जुलाई को सुनवाई के दौरान अब्दुल्लाह के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि दो जन्म प्रमाणपत्र जारी हुए थे। तब सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि दूसरा सर्टिफिकेट आपके एफिडेविट के आधार पर जारी हुआ है। सिब्बल ने कहा कि पासपोर्ट अधिकारी ने सर्टिफिकेट को माना है, यह फर्जीवाड़ा नहीं है। मामले में चार्ज फ्रेम हो चुका है। चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। तब सर्वोच्च न्यायालय ने सिब्बल से पूछा कि जो चार्जशीट दाखिल हुई है उसकी कॉपी है । इस पर सिब्बल ने कोर्ट से चार्जशीट की कॉपी दाखिल करने का समय मांगा था।
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यह है मामला
दरअसल 3 जनवरी, 2019 को रामपुर के गंज पुलिस स्टेशन में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि आजम खान और उनकी पत्नी ने बेटे अब्दुल्लाह को दो फर्जी जन्म प्रमाणपत्र दिलवाने में मदद की। इनमें एक लखनऊ से और दूसरा रामपुर से बनवाया गया।