श्रीलंकाः सांसद करेंगे नये राष्ट्रपति का चुनाव, मैदान में ये नेता

नए राष्ट्रपति नवंबर 2024 तक पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया के शेष कार्यकाल के लिए पद पर रहेंगे। गोटाबाया ने देश छोड़ने के बाद अपना इस्तीफा संसद के स्पीकर के पास भेजा था।

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आर्थिक संकट में देश को मझधार में छोड़कर गुस्साई जनता से मुंह छिपाकर भागे पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के देश छोड़कर चले जाने के बाद सांसद 20 जुलाई ,बुधवार मतदान कर नया राष्ट्रपति चुनेंगे।

श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (73) का मुकाबला दुल्लास अल्हाप्पेरुमा (63) और अनुरा कुमारा दिसानायके (53) से होगा। अल्हाप्पेरुमा कट्टर सिंहली बौद्ध राष्ट्रवादी और सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी के सदस्य हैं। दिसानायके वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के प्रमुख सदस्य हैं।

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 मैदान में ये तीन नेता
अब यह देखना है कि सांसद पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के उत्तराधिकारी के रूप में तीनों में से किस पर भरोसा जताते हैं। नए राष्ट्रपति नवंबर 2024 तक पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया के शेष कार्यकाल के लिए पद पर रहेंगे। गोटाबाया ने देश छोड़ने के बाद अपना इस्तीफा संसद के स्पीकर के पास भेजा था।

रानिल विक्रमसिंघे सबसे आगे
श्रीलंका के प्रमुख विपक्षी दल समागी जाना बालवेगया के नेता एस प्रेमदासा ने 19 जुलाई को कहा था कि वे अलहाप्पेरुमा को समर्थन देने के लिए राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो रहे हैं। रानिल विक्रमसिंघे का पलड़ा सबसे भारी माना जा रहा है।

भारी आर्थक संकट में देश
प्रदर्शनकारियों के आक्रोश का शिकार वे भी रहे हैं। श्रीलंका इस समय विदेशी मुद्रा की भारी कमी और भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। लगभग दो दशक तक देश पर शासन करने वाले राजपक्षे के प्रशासन और परिवार को इस संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

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