केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आने पर पेट्रोल, डीजल, एटीएफ और कच्चे तेल लगने वाला अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) वापस ले लिया है।
वित्त मंत्रालय ने 20 जुलाई को जारी अधिसूचना में बताया कि पेट्रोल के निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर कर में कटौती की गई है। एयर टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) को छह रुपये प्रति लीटर से घटाकर 4 रुपये प्रति लीटर किया गया है। इसी तरह डीजल पर लागू कर को 13 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 11 रुपये लीटर किया गया है। इसके अलावा घरेलू कच्चे तेल उत्पाद पर 23,250 रुपये अतिरिक्त कर को घटाकर 17,000 रुपये प्रति टन किया गया है।
इन कंपनियों को लाभ
सरकार के इस फैसले का फायदा रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और रोजनेफ्ट की नायरा एनर्जी जैसी रिफाइन ईंधन का निर्यात करने वाली कंपनियों को होगा। दरअसल ये दोनों कंपनियां मिलकर करीब 85 फीसदी ईंधन का निर्यात करती हैं। इस टैक्स को लागू करने के बाद से ही ये कंपनियां इसका विरोध कर रही थीं। एक्सपर्ट के मुताबिक इस फैसले से सरकार को एक साल में करीब एक लाख करोड़ रुपये की आमदनी होगी।
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पेट्रोल, डीजल और एटीएफ की कीमतों पर नहीं पड़ेगा असर
सरकार ने एक जुलाई, 2022 को ईंधन के निर्यात पर ये भारी-भरकम अप्रत्याशित टैक्स घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की खुदरा मूल्य को बढ़ने से रोकने के लिए लगाया था। दरअसल तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 120 डॉलर पर थीं, जो अब घटकर 100 डॉलर पर आ गई हैं। सरकार के इस कदम से पेट्रोल, डीजल और एटीएफ की कीमतों में कोई कमी नहीं होगी।