ज्ञानवापी परिसर में प्राप्त शिवलिंग की पूजा की मिलेगी अनुमति? दाखिल याचिका पर सर्वोच्च सुनवाई

सर्वोच्च न्यायालय में ज्ञानवापी मामले पर एक याचिका श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति स्थल के अध्यक्ष राजेश मणि त्रिपाठी ने दायर की है।

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सर्वोच्च न्यायालय 21 जुलाई ज्ञानवापी परिसर के अंदर मिले शिवलिंग की पूजा-अर्चना की स्वीकृति दिये जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करेगा। याचिका में कहा गया है कि काशी विश्वनाथ ट्रस्ट शिवलिंग को अपने कब्जे में ले। शिवलिंग की पूजा की लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था हो। याचिका में कहा गया है कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) शिवलिंग की कार्बन डेटिंग करवाये।

सर्वोच्च न्यायालय में ज्ञानवापी मामले पर एक याचिका श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति स्थल के अध्यक्ष राजेश मणि त्रिपाठी ने दायर की है। याचिकाकर्ता ने अपने धार्मिक रीति रिवाज के मुताबिक पूजा करने की अनुमति दिए जाने की मांगी है। याचिका में कहा गया है कि संविधान की धारा 25 के तहत उसे ये अधिकार है कि वो धार्मिक रीति रिवाज के मुताबिक पूजा करे। सावन का महीना शुरू हो गया है , ऐसे में उसे सर्वे में मिले शिवलिंग पर जलाभिषेक की अनुमति दी जाए।

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इस तरह चली है अब तक की सुनवाई
– 20 मई को सर्वोच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का मामला वाराणसी के डिस्ट्रिक्ट जज को ट्रांसफर कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले को उत्तर प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा के अनुभवी न्यायिक अधिकारी को सुनवाई के लिए दिया जाए। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों से कहा था कि ये मत भूलिए कि हमारा साझा लक्ष्य राष्ट्र के संतुलन को संरक्षित करना है। कोर्ट ने कहा था कि आयोग के चुनिंदा अंश लीक नहीं होने चाहिए। रिपोर्ट कोर्ट की सौंपी जानी चाहिए। इसे प्रेस को लीक मत कीजिए।

-कोर्ट ने कहा था कि सीनियर डिवीजन सिविल जज के यहां दोनों पक्षों ने जो भी अर्जी दायर की है उस पर भी डिस्ट्रिक्ट जज विचार करेंगे। कोर्ट ने कहा था कि शिवलिंग को सील करने और नमाज पढ़ने के लिए प्रवेश करने से नहीं रोकने का आदेश अगले आदेश तक जारी रहेगा।

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