मप्र में भारी बारिश की संभावना, इन जिलों में अलर्ट जारी

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है।

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अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से मप्र में नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। लगातार नए वेदर सिस्टम एक्टिव होने से प्रदेशभर में बारिश का दौर जारी है। विभिन्न जिलों में रुक-रुककर बौछारें पड़ रही हैं। पश्चिमी विक्षोभ के कारण अरब सागर से अतिरिक्त नमी भी बनी हुई है, ऐसे में तीन दिनों तक वर्षा जारी रह सकती है। मौसम विभाग ने 22 जुलाई से मप्र के अधिकतर जिलों में वर्षा की गतिविधियों में तेजी आने के आसार जताए हैं। इस दौरान कुछ जिलों में भारी वर्षा की संभावना है।

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। उत्तरी पाकिस्तान पर चक्रवात के रूप में बना पश्चिमी विक्षोभ हिमाचल प्रदेश पर सक्रिय हो गया है। झारखंड और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। हरियाणा पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त मानसून ट्रफ गंगानगर, रोहतक, हरदोई से होते हुए देहरी, जमशेदपुर, बालासोर और पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। हवाओं का रुख दक्षिण-पश्चिमी बना रहने से अरब सागर से नमी मिल रही है। इसी तरह झारखंड पर चक्रवात के मौजूद रहने से बंगाल की खाड़ी से भी नमी लगातार आ रही है। इस मौसम प्रणाली के असर से शुक्रवार को रीवा, नर्मदापुरम, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है।

इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने शुक्रवार को रीवा, नर्मदापुरम, चंबल एवं ग्वालियर संभागों के जिलों में एवं अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, सागर, छतरपुर, विदिशा, बुरहानपुर एवं खंडवा जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है। वहीं भोपाल, इंदौर और जबलपुर में गरज-चमक साथ हल्की बारिश हो सकती है।

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