शिंदे गुट ने 22 जुलाई को शिवसेना को चुनौती देते हुए कहा कि अगर हमारे रास्ते में आये तो महंगा पड़ेगा। उन्होंने शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे को भी ऊल-जलूल बयानबाजी न करने की सलाह दी है।
शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने 22 जुलाई को कहा कि उनकी ओर से शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे सहित किसी के भी विरुद्ध अपमानजनक बयान जारी नहीं किए जा रहे हैं। आदित्य ठाकरे 22 जुलाई महाराष्ट्र का दौरा कर रहे हैं। अगर पहले वे शिवसैनिकों से मिलते तो आज इसकी नौबत ही नहीं आती। आदित्य ठाकरे बार-बार शिवसेना से अलग होने वालों को गद्दार कह रहे हैं, जो गलत है। हमने शिवसेना में दो तिहाई चुने हुए जनप्रतिनिधियों का समूह बनाया है, जिसे ऐतिहासिक मंजूरी मिलने वाली है। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय देश के लिए दिशादर्शक होगा।
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सुरक्षा पर मंत्री समूह की बैठक में हुई चर्चा
दीपक केसरकर ने कहा कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री रहते हुए कभी भी शिवसैनिकों के हित में निर्णय नहीं लिया। औरंगाबाद में पर्यटन के विकास के लिए मुख्यमंत्री ने कितनी बैठक की, इसका सार्वजनिक जवाब दें। यहां तक कि एकनाथ शिंदे को गढ़चिरौली जिले का पालक मंत्री बनाया गया था। उन्हें नक्सलवादियों की ओर से लगातार धमकी मिल रही थी, लेकिन उनकी सुरक्षा पर मंत्री समूह की बैठक में चर्चा की गई थी लेकिन उनकी सुरक्षा बढ़ाई नहीं गई।
उद्धव से सवाल
इसी तरह मीडिया में खबर आई है कि उद्धव ठाकरे खुद भाजपा के संपर्क में थे और एकनाथ शिंदे को अलग रखकर भाजपा के साथ सरकार बनाने को तैयार थे। उद्धव ठाकरे को इसका खुलासा करना चाहिए। दीपक केसरकर ने कहा कि शिवसेना से अलग हुए हम सभी शिवसैनिक ही हैं। हम सभी ने शिवसेना के लिए बहुत काम किया है। स्वर्गीय बालासाहेब के विचारों को आगे बढ़ाने काम कर रहे हैं, इसलिए शिवसेना की ओर से शिवसैनिकों का अपमान रोका जाना चाहिए।