नेपाल में संसद की प्रतिनिधि सभा ने नागरिकता कानून 2006 में संशोधन को बहुमत से स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसे ऐसे नेपाली नागरिकों के हजारों बच्चों को नागरिकता मिलने की उम्मीद बढ़ी है, जिन्होंने बाहर से आकर देश की नागरिकता ली है।
प्रतिनिधि सभा की मंजूरी मिलने के बावजूद नागरिकता की उम्मीद पाले बच्चों के अभिभावकों को अभी कुछ और इंतजार करना होगा। अब इसे नेशनल असेंबली में प्रस्तुत किया जाएगा। अगर यहां से यह पारित हो जाता है तो राष्ट्रपति की मंजूरी अनिवार्य होगी। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही यह कानून बन सकेगा।
चर्चा के बाद विधेयक पारित
नेपाल के गृहमंत्री बालकृष्ण खंड ने 22 जुलाई को प्रतिनिधि सभा में नागरिकता विधेयक (प्रथम संशोधन 2022) प्रस्तुत किया था। इसे पारित करने से पहले नेपाली पुरुषों से शादी करने वाली विदेशी महिलाओं को नागरिकता देने और नेपाल में या नेपाली माताओं से जन्मे बच्चों को नागरिकता देने समेत कई प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा की गई। इसके बाद इस विधेयक को सामान्य बहुमत से सदन ने पारित किया।
हजारों बच्चों को होगा लाभ
नेपाल के प्रमुख अखबार काठमांडू पोस्ट के अनुसार नेपाल का संविधान लागू होने के दिन, 20 सितंबर, 2015 से पहले जन्मे सभी योग्य नेपालियों को ‘प्राकृतिक’ नागरिकता दी गई थी। मगर कानून नहीं होने के कारण इन नागरिकों के बच्चों को नागरिकता नहीं मिल पाई थी।