देश विरोधी मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) केस की जांच नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) 25 जुलाई से करेगी। फिलहाल केस के टेकओवर को लेकर जरूरी कागजी कार्रवाई चल रही है। 24 जुलाई को पटना पुलिस की तरफ से इस बात को कंफर्म कर दिया गया है।
पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो के अनुसार 24 जुलाई से कागजी कार्रवाई चल रही है। 25 जुलाई तक यह केस पूरी तरह से एनआईए को सौंप दिया जाएगा। रांची से एसपी रैंक के अधिकारी की अगुवाई में एनआईए की एक टीम पटना आई है जो अ पनी कार्रवाई को पूरा करने में जुटी है। इस पर पटना पुलिस की तरफ से बताया गया कि एनआईए की यह टीम पहलेसे ही इस केस में उनके साथ मिलकर काम कर रही है।
अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन मिलने के बाद लिया गया यह निर्णय
अब पटना पुलिस की जांच में पीएफआई को किए जाने वाले फंडिंग का कनेक्शन देश के बाहर से निकला गया। इससे मामला इंटरनेशनल बन गया, जिसके बाद बिहार पुलिस मुख्यालय ने पहले विचार किया था कि इस केस की जांच खुद की प्रोफेशनल एजेंसी एटीएस से कराई जाए। इसके लिए पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो की तरफ से एक पत्र पुलिस मुख्यालय को लिखा गया था। लेकिन जांच में यह केस और बड़ा हो गया। शुरुआत में गिरफ्तार किए गए अतहर परवेज और अरमान मलिक को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की गई, जिसमें कई और ठोस जानकारियां हाथ लगीं। इसके बाद तय हुआ कि यह केस राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपा जाए।
रिमांड पर ये आरोपी
पटना के फुलवारी शरीफ स्थित नया टोला के जिस घर में पीएफआई का एक्टिव मेंबर अतहर परवेज और उसकी टीम ट्रेनिंग कैंप चलाया करते थे, उसके मकान मालिक मो. जलालुद्दीन हैं। इन्हें शुरुआत में ही गिरफ्तार किया गया था। अब ये रिमांड पर हैं। इसी तरह प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी के पूर्व सदस्यों को जेल से छुड़वाने के आरोपित व दरभंगा के रहने वाले एडवोकेट नुरुद्दीन जंगी भी पुलिस की रिमांड पर हैं।
पूछताछ जारी
इन दोनों को पुलिस ने 23 जुलाई को पूछताछ के लिए 48 घंटे के रिमांड पर लिया था। पटना के एससी-एसटी थाना में दोनों से पूछताछ की जा रही है। 24 घंटे से अधिक का वक्त गुजर चुका है। अब तक दोनों से लंबी पूछताछ हो चुकी है। कई सवालों के जवाब इन्होंने दिए भी हैं। एसएसपी ने कहा कि इनसे भी पूछताछ में जो सबूत मिले हैं, उन्हें भी कोर्ट में सब्मिट किया जाएगा।