पश्चिम बंगाल के शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार तत्कालीन शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी को आखिरकार चिकित्सकीय जांच की प्रक्रिया पूरी कराने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी भुवनेश्वर से वापस लेकर कोलकाता पहुंच गए। 26 जुलाई की सुबह 6:34 बजे विमान हवाई अड्डे पर उतरा। वहां से सीधे उन्हें ईडी अधिकारी सीजीओ कंपलेक्स स्थित केंद्रीय एजेंसी के पूर्वी क्षेत्रीय मुख्यालय ले गए। यहां इसी मामले में गिरफ्तार उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी।
ईडी अधिकारियों ने एक दिन पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अर्पिता 12 मुखौटा कंपनियों की मालकिन और पार्थ चटर्जी उनके पार्टनर रहे हैं। दोनों ने इन कंपनियों का इस्तेमाल मूल रूप से रकम के हेरफेर और हवाला के जरिए विदेश भेजने में किया है। ईडी अधिकारियों ने कोर्ट को यह बताया है कि एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान पार्थ ने उन्हें धमकी दी है और स्वीकार किया है कि उन्होंने 120 करोड़ रुपये का घोटाला किया है। यह मेरा अस्पताल है। मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
ममता बनर्जी ने बनाई दूरी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ की गिरफ्तारी पर रुख स्पष्ट करते हुए साफ कर दिया है कि वह भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करतीं। अगर दोषी साबित होते हैं तो जीवन भर की सजा हो कोई बात नहीं। उल्लेखनीय है कि ईडी ने पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के घर छापा मारा था। यहां 28 घंटे तक तलाशी अभियान चलाया गया। अर्पिता के घर से 21 करोड़ रुपये की नकदी, 79 लाख रुपये के जेवर, विदेशी मुद्रा और मोबाइल फोन बरामद हुए थे। पार्थ के घर से महत्वपूर्ण दस्तावेज और अन्य ऐसे कागजात मिले, जिसमें शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार में अर्पिता और चटर्जी की मिलीभगत की बातें स्पष्ट हुई थीं। इसके बाद उन्हें 23 जुलाई की सुबह गिरफ्तार कर लिया गया था।