इसरो जासूसी मामलाः केरल के पूर्व डीजीपी को मिली अग्रिम जमानत पर सर्वोच्च सुनवाई

15 अप्रैल, 2021 को कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व जज जस्टिस डीके जैन की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट सीबीआई को सौंपी थी।

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सर्वोच्च न्यायालय 27 जुलाई को इसरो जासूसी मामले में वैज्ञानिक नंबी नारायण को फंसाने के मामले में केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यू को केरल हाई कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करेगा । जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच इस पर सुनवाई करेगी।

इससे पहले 15 जुलाई को सुनवाई में सीबीआई की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा था कि चार और पुलिस अधिकारियों को हाई कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ दायर याचिकाओं के साथ इस याचिका को भी टैग कर दिया जाए। दरअसल 13 अगस्त 2021 को केरल हाई कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों एस विजयन, थंपी एस दुर्गादत्त, आरबी श्रीकुमार और आईबी के पूर्व अधिकारी एस जयप्रकाश को अग्रिम जमानत प्रदान की थी।

यह है मामला
पिछले साल 15 अप्रैल, 2021 को कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व जज जस्टिस डीके जैन की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट सीबीआई को सौंपी थी। स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन बनाने में लगे नंबी नारायणन को 1994 में केरल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने तकनीक विदेशियों को बेची। बाद में सीबीआई जांच में पूरा मामला झूठा निकला। सुप्रीम कोर्ट ने 14 सितंबर, 2018 में नारायणन को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया था। नंबी नारायण ने अपनी अर्जी में केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यू और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। सिबी मैथ्यू ने जासूसी कांड की जांच की थी ।

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