दिल्ली दंगाः बड़ी साजिश, पुलिस जांच में खुलासा

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नई दिल्ली। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में 23 से 26 फरवरी तक हुए दंगों को पुलिस ने बड़ी साजिश का हिस्सा बताया है। इस मामले में 17 सितंबर को चार्जशीट दाखिल की जाएगी। पुलिस का कहना है कि जिस तरह से शहर की सड़कों को जाम कर दिया गया था, वह किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है। कहा जा रहा था कि यह दंगा सीएए का समर्थन कर रहे लोगों ने शुरू किया, लेकिन जांच में ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। जांच कर रही पुलिस को अभी तक जो जानकारी मिली है, उससे यही पता चलता है कि यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था।
पुलिस जांच में 25 जगहों पर प्रदर्शन का पता चला है, जिनमें शामिल लोग स्थानीय नहीं, बाहर से आए हुए थे। पुलिस का दावा है कि साजिशकर्ता रोज उन जगहों पर जाते थे और ज्यादा से ज्यादा लोग जुटाने की कोशिश करते थे।

उमर खालिद को 10 दिन की पुलिस हिरासत

दिल्ली दंगों में गिरफ्तार जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थी उमर खालिद को अदालत ने 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। उसे मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया था। उसे 13 सितंबर की रात 11 बजे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उससे दूसरे दिन दोपहर 1 बजे तक पूछताछ की। 11 घंटे तक चली इस पूछताछ में 33 वर्षीय खालिद कई प्रश्नों के जवाब नहीं दे पाया। इस वजह से पुलिस ने उसे दंगों के साजिशकर्ता मानते हुए गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने ट्रम्प के आने के पहले उसके भाषण और दिल्ली में आरोपियों के साथ हुई बातचीत के कॉल रिकार्ड,आरोपियों के साथ मीटिंग और आरोपियों के बयानों में उसे साजिशकर्ता बताया है।

36 तथाकथित बुद्धिजीवियों ने की निंदा

इतिहासकार रामचंद्र गुहा, कलाकार टीएम कृष्णा, लेखक अरुणधति रॉय, प्रशांत भूषण, पी साईनाथ, बृंदा करात, हर्ष मंदर, फराह नकवी समेत करीब तीन दर्जन लोगों ने उमर खालिद को एक बहादुर नौजवान बताते हुए दिल्ली पुलिस से उसे निशाना बनाना बंद करने की अपील की है।

ताहिर हुसैन ने किया था कबूल

दिल्ली दंगा मामले में गिरफ्तार और जेल की हवा खा रहा आम आदमी पार्टी से निलंबित ताहिर हुसैन ने दंगों में अपनी भूमिका स्वीकारी है। हुसैन ने पूछताछ में बताया कि वह जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से 8 जनवरी को शाहीन बाग स्थित पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यालय में मिला था। दिल्ली पुलिस के अनुसार, हुसैन का काम ज्यादा से ज्यादा शीशे की बोतल, पेट्रोल, एसिड, पत्थर को अपने छत पर इकट्ठा करना था। हुसैन के एक परिचित खालिद सैफी का काम सड़कों पर लोगों को प्रदर्शन के लिए एकत्र करने का था।

सीताराम येचुरी, योगेंद्र यादव के नाम पर पुलिस की सफाई

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जाफराबाद में हुई हिंसा के मामले में एफआईआर नंबर. 50/20 में देवांगना कलिता,नताशा नरवाल ,गुलफिशा फातिमा के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट में इन लोगों को आरोपी बनाया गया है। इन्होंने अपने बयान में प्रोफेसर अपूर्वानंद ,योगेंद्र यादव ,सीताराम येचुरी, डॉक्यूमेंट्री फिल्मकार राहुल रॉय ,इकोनॉमिस्ट जयंती घोष,एमएलए मतीन अहमद ,अमानतुल्लाह खान,उमर खालिद का नाम भी लिया है। सवाल उठने पर दिल्ली पुलिस ने सफाई देते हुए जारी बयान में कहा है कि इस बयान को उसी तरह दर्ज किया गया है, जैसे आरोपी ने बताया है। किसी शख्स को किसी के सिर्फ डिस्क्लोजर स्टेटमेंट के आधार पर आरोपी नहीं बनाया जा सकता है।

अंतिम चरण में जांच

दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव के मुताबिक, जांच अब आखिरी दौर में पहुंच चुकी है और उमर खालिद को भी गिरफ्तार किया गया है। इसलिए सोशल मीडिया पर इस बारे मे काफी शोर मचाया जा रहा है। श्रीवास्तव ने कहा कि इससे हमारी जांच पर कोई असर नहीं पड़ेगा और हम दोषियों को सजा दिलवाकर ही दम लेंगे। ऐंटी-सीएए प्रदर्शनों के दौरान भड़के इन दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 200 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे।

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