श्रीलंका में भयावह आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार माने जा रहे राजपक्षे बंधुओं पर पाबंदियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे व उनके भाई पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे के देश छोड़ने पर दो अगस्त तक रोक लगा दी है। उनके अलावा श्रीलंकाई सेंट्रल बैंक के पूर्व गवर्नर अजित निवार्ड काबराल पर भी दो अगस्त तक के लिए यात्रा प्रतिबंध लगाए गए हैं।
सीलोन चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष चंद्र जयरत्ने, श्रीलंका के पूर्व तैराकी चैंपियन जूलियन बोलिंग, जेहान कनगरत्ना और ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल श्रीलंका सहित एक समूह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे व उनके भाई पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे और श्रीलंकाई सेंट्रल बैंक के पूर्व गवर्नर अजित निवार्ड काबराल को श्रीलंका के विदेशी ऋण की अस्थिरता, ऋण चूक और वर्तमान आर्थिक संकट के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार करार दिया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 15 जुलाई को तीनों के देश छोड़ने पर 28 जुलाई तक रोक लगा दी थी। अब उस प्रतिबंध को अब 2 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है।
इस महीने की शुरुआत में कोलंबो में भंडारनायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों और अधिकारियों के विरोध के बाद बासिल को श्रीलंका छोड़ने से रोक दिया गया था। पूर्व वित्त मंत्री ने विरोध शुरू करने वाले यात्रियों द्वारा देखे जाने से पहले हवाई अड्डे के लाउंज से बाहर निकलने का प्रयास किया था। सरकार विरोधी अभूतपूर्व विरोधों के बीच अंततः अप्रवासन अधिकारियों ने उन्हें देश छोड़ने से रोक दिया था।
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