बड़ी लापरवाहीः मिड-डे मिल खाने से रसोइया समेत दो दर्जन बच्चे बीमार

जिन बच्चों ने भोजन किया था, थोड़ी देर बाद उनके पेट में दर्द होने लगा। सबसे बड़ी लापरवाही तो इस बात की है कि बच्चों के शिकायत करने पर शिक्षकों ने उस पर ध्यान न देकर विद्यालय ही बंद कर फरार हो गए।

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बिहार के मोतिहारी जिले में पकड़ीदयाल प्रखंड स्थित सिसहनी मध्य विद्यालय में एमडीएम का भोजन खाने से दर्जनों छात्र बीमार हो गए हैं। 27 जुलाई की दोपहर में बने एमडीएम का भोजन बच्चों को बेस्वादु लगा। जिसके बाद छात्र-छात्राओं ने इसकी शिकायत की। तब तक कुछ बच्चों ने भोजन कर लिया था,वहीं कई बच्चों ने उसे फेंक दिया।

मिली जानकारी के अनुसार जिन बच्चों ने भोजन किया। थोड़ी देर बाद उनके पेट में दर्द होने लगा। सबसे बड़ी लापरवाही तो इस बात की है कि बच्चों के शिकायत करने पर शिक्षकों ने उस पर ध्यान न देकर विद्यालय ही बंद कर फरार हो गए।मामले की जानकारी मिलने पर परिजन विद्यालय पहुंचे और सभी बीमार बच्चों को आनन-फानन में अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया।

राहत की बात यह है कि अनुमंडलीय अस्पताल में इलाज के बाद सभी बच्चों की स्थिति में काफी सुधार है। घटना की जानकारी मिलने पर पकड़ीदयाल एसडीओ कुमार रविंद्र समेत तमाम अधिकारी 28 जुलाई की सुबह अस्पताल पहुंचे और बच्चों का हाल जाना।

इस कारण अधिकांश बच्चों ने नहीं किया भोजन
मध्याह्न भोजन बनाने वाले रसोइया दीनानाथ सिंह ने खाना बनाने के बाद भोजन चखा और बच्चों को भोजन करने से मना किया था। जिस कारण अधिकांश बच्चों ने भोजन नहीं किया। लेकिन शिक्षकों के दबाव पर 2 दर्जन से अधिक बच्चे भोजन कर चुके थे।रसोईया के अनुसार खाना खाते समय आलू के चोखा में मोबिल जैसा स्वाद आ रहा था।जिसके खाने के बाद रसोईया समेत सभी बच्चों के शरीर में जलन और पेट में दर्द शुरू हो गया। इसके बाद उल्टी होने लगी।

ये बच्चे बीमार
बीमार बच्चों में अंकित कुमार, सचिन कुमार, पिंकी कुमारी, प्रियंका कुमारी, महिमा कुमारी, निशा कुमारी, नगमा कुमारी, रंजीत कुमार, अनामिका कुमारी, रोशन कुमार, दीपक कुमार सहित दो दर्जन बच्चों को फूड प्वाइजनिंग का इलाज चल रहा है।सभी बच्चे खतरे से बाहर बताये जा रहे है।

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