महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने कहा कि सूबे में भारी बारिश से 10 लाख से अधिक फसल तथा खेत बर्बाद हो गए हैं। इनमें एक हेक्टेयर अकेले गढ़चिरौली जिले के हैं। भारी बारिश से आई बाढ़ से किसानों तथा मजदूरों का भारी नुकसान हुआ है। इसलिए राज्य सरकार को बिना भेदभाव किए तत्काल आर्थिक मदद की घोषणा करनी चाहिए।
अजीत पवार 28 जुलाई को बाढ़ प्रभावित गढ़चिरौली के दौरे पर हैं। वे सुबह करीब 8 बजे सीधे किसानों के खेत पर पहुंचे और बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी किसानों से ली। यहां के किसानों ने अजीत पवार को बताया कि यहां अभी तक पंचनामा नहीं हुआ है। कोई भी सरकारी अधिकारी उनके खेत तक तथा घर पर पंचनामा के लिए नहीं पहुंचा है।
मदद के आवेदन पर नहीं हुआ विचार
किसानों ने अजीत पवार को बताया कि कई साल पहले पंचनामा किया गया था। उन्होंने मदद के लिए तहसील में आवेदन किया है लेकिन अब तक इस पर विचार नहीं किया गया है। अजीत पवार ने किसानों से पूछा कि अगर उन्हें बीज दिया जाए तो क्या उपयोगी होगा, इस पर किसानों ने कहा कि सीजन दो महीने बीत गया है, इसका कोई लाभ नहीं होगा। किसानों ने कहा कि बैंकों का कर्ज बढ़ता जा रहा है तथा इस साल की फसल बर्बाद हो गई है। उनके पास आर्थिक मदद के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
राज्य सरकार तुरंत करे मदद
अजीत पवार ने दौरे के बाद पत्रकारों को बताया कि उन्होंने खुद देखा कि कई घर पानी की वजह से गिरने की अवस्था में हैं, कई घर गिर गए हैं। बारिश की वजह से अकेले गढ़चिरौली जिले में 12 लोगों की मौत हुई है, पूरे राज्य में यह संख्या 110 से ज्यादा है। अजीत पवार ने कहा कि वे विपक्ष में हैं, इसलिए अपना काम कर रहे हैं। इसी तरह राज्य सरकार को तत्काल अपना काम करना चाहिए।
विशेष अधिवेशन बुलाने की मांग
उन्होंने कहा कि राज्य में अभी तक मंत्री समूह का विस्तार नहीं हुआ है। मंत्री समूह का विस्तार आवश्यक है, जिससे हर जिले में संरक्षक मंत्री काम कर सकें। इसी तरह राज्य सरकार को जल्द से जल्द विधानसभा का विशेष अधिवेशन बुलाना चाहिए, जिससे किसानों को अधिक से अधिक आर्थिक लाभ मिल सके।