राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर की गई टिप्पणी को लेकर लोकसभा में 28 जुलाई को सत्तारुढ़ दल भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी नोकझोंक हुई। भाजपा ने “सोनिया गांधी माफी मांगों” के नारे लगाकर हमला बोला। दोनों ओर से हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की बैठक को 4 बजे तक स्थगित कर दिया।
सदन की बैठक स्थगित होने के बाद भी भाजपा सदस्य “सोनिया गांधी माफी मांगों” और “अधीर रंजन मुर्दाबाद” के नारे लगा रहे थे। शोरगुल और हंगामें के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सत्तापक्ष की बेंच की ओर बढ़ीं और वरिष्ठ सदस्य व पीठासीन अधिकारी की पैनल में शामिल रमा देवी के पास पहुंचीं। सोनिया और रमा देवी के बीच अभिवादन का आदान-प्रदान हुआ और कुछ बातचीत हुई।
कांग्रेस सांसद गीता कोर और ज्योत्सना महंत ने बताया कि सोनिया ने रमा देवी से पूछा कि “मेरा नाम क्यों लिया जा रहा। मैंने क्या किया है।” उनकी इस बात के जवाब में रमा देवी ने सोनिया गांधी से कहा,”आप कांग्रेस की अध्यक्ष हैं। आप ने ही अधीर रंजन को सदन में पार्टी का नेता चुना है इस वजह से ऐसा हो रहा है।”
कांग्रेस नेता ने बताया कि सदन में, सोनिया और रमा के बीच बातचीत के दौरान भाजपा के निशिकांत दुबे हस्तक्षेप करने के लिये आगे बढ़े तो संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उन्हें रोका।
इसी बीच, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने रमा और सोनिया के बीच हो रही बातचीत में कुछ टोका तो सोनिया ने ईरानी से कहा कि वे उनसे बात नहीं कर रहीं। आप बीच मे मत बोलो।
सोनिया के इतना कहने पर ईरानी भड़क उठीं और सोनिया को खरीखोटी सुनाती नजर आईं। तल्खी बढ़ती देख तृणमूल कांग्रेस की सदस्य अपूर्वा पोद्दार बीचबचाव के लिए ईरानी और सोनिया के बीच आ गईं। कांग्रेस की तरफ से गौरव गोगोई और रवनीत सिंह बिट्टू सोनिया के इर्दगिर्द आकर खड़े हो गए।
एनसीपी की सुप्रियो सुले सोनिया को सदन से बाहर ले गईं। हालांकि सोनिया सदन में रुकना चाह रही थीं। इस दौरान सदन में सत्तापक्ष के सदस्यों की ओर से नारेबाजी जारी रही।
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