भारत की स्टार शतरंज खिलाड़ी द्रोणवल्ली हरिका गुरुवार को चेन्नई के मामल्लापुरम में शुरू हो रहे 44वें शतरंज ओलंपियाड में पदक जीतने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए उत्साहित हैं।
31 वर्षीय हरिका ओलंपियाड में पिछले 18 साल से भारतीय महिला टीम की रीढ़ रही हैं। इस बार वह लगातार अपना आठवां ओलंपियाड खेलेंगी। हरिका ने वर्ष 2002 में अपने ओलंपियाड अभियान की शुरूआत की थी।
हरिका ने एक बयान कहा, “मैं अपने अवसरों को लेकर आशावादी हूं, लेकिन खुद पर कोई दबाव नहीं डालना चाहती। बेशक, हम कागज पर मजबूत हैं, लेकिन दिन के अंत में, यह मायने रखता है कि हम सामूहिक रूप से कैसा प्रदर्शन करते हैं।”
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हरिका ने कहा कि वह अभी भी मानसिक रूप से बेहतर हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए दृढ़ है।
उन्होंने कहा, “ऑफ-बोर्ड, मैंने मानसिक रूप से खुद को सर्वश्रेष्ठ रखने की कोशिश की है और शतरंज के लिहाज से मैंने अपना अभ्यास जारी रखा है औरपिछले सप्ताह तक कुछ ऑनलाइन शतरंज स्पर्धाओं में खेला है। मैं टीम की संरचना से बहुत खुश हूं और मुझे यकीन है कि हम अपनी क्षमता से ऊपर प्रदर्शन करेंगे।”
शीर्ष बोर्ड पर कोनेरू हम्पी और दूसरे बोर्ड पर हरिका का संयोजन उनके विरोधियों के सामने कठिन चुनौती रखेगा और निचले बोर्डों पर दबाव को भी कम करेगा।
उन्होंने कहा, “हम सभी अच्छा प्रदर्शन करने पर आमादा हैं ताकि प्रायोजक भारत में अधिक से अधिक प्रतिष्ठित टूर्नामेंटों की मेजबानी करने के लिए प्रेरित हों। भारत में शतरंज की धारणा बदल गई है और इस ओलंपियाड की मेजबानी करने से शतरंज के सभी पहलुओं पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।”
भारत का ओलंपियाड में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2012 में तुर्की में आया था, जहां भारतीय दल चौथे स्थान पर रहा था। हरिया ने यहां व्यक्तिगत रजत पदक हासिल किया था।
हरिका ने आयु वर्ग और खुली श्रेणियों में कई पदक जीते हैं। उन्हें ‘पद्मश्री’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। भारत पहली बार प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी कर रहा है, जिसका समापन 10 अगस्त को होगा।
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