विदेशी विद्यार्थियों के छात्रावास को लेकर लंबे काल से विचार विमर्श चल रहा था। इसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) प्रखरता से प्रयत्नशील था, तो इक्का दु्क्का छात्र संगठन दूसरे नाम का सुझाव दे रहे थे। परंतु, इस सबके बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विदेशी विद्यार्थियों के छात्रावास को स्वातंत्र्यवीर सावरकर का नाम दिये जाने के प्रस्ताव पर सूचना जारी कर दी, जिसे अंतिम अनुमति मिल गई।
बता दें कि, स्वातंत्र्यवीर सावरकर या छत्रपति शाहू महाराज का नाम दिये जाने के लिए अलग-अलग छात्र संगठन प्रयत्नशील थे। अभाविप ने प्रखरता से स्वातंत्र्यवीर सावरकर का नाम दिये जाने की मांग की थी। जबकि, छात्र भारती ने इसका विरोध किया।
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गुरुवार को मुंबई विश्वविद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक में प्रस्ताव को मान्य कर लिया गया। इस बैठक में शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे की युवा सेना ने तटस्थ की भूमिका अपनाई। राज्यपाल द्वारा सूचना जारी किये जाने के बाद प्राचार्य भांबरे, सिनेट सदस्य नील हेलेकर, प्राध्यापक गरजे ने प्रस्ताव का समर्थन किया।