मुख्यमंत्री का ‘मनोहर’ मिलन

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे राज्य में कार्य और संगठन दोनों ही मोर्चे पर एकसाथ डटे हुए हैं। न्यायालय की लड़ाई किस करवट जाएगी, इस पर दावा भले ही किया जा रहा हो परंतु भीतरखाने संशय भी है ही, तभी एक माह के लगभग बीतने पर भी मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट नहीं है।

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गजानन, रामदास, स्मिता, लीलाधर और अब मनोहर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की लगता है मिलन फेरी ही चल रही है। शिवसेना के इन वरिष्ठ नेताओं में से कई एक समय के अष्टप्रधान मंडल के सदस्य रहे हैं। शिवसेना की युवा ब्रिगेड में कई चेहरे धूमिल हो गए तो कई पिछड़ गए, अब ऐसे नेताओं से ही मुख्यमंत्री भेंट कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शिवसेना को नई संजीवनी देने के प्रयत्न में हैं। शिवसेना के पदाधिकारी, नगरसेवक, विधायक और सांसदों के एकनाथ शिंदे के साथ आने के बाद मेल मिलाप में तीव्रता आई है। मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले ही उत्तर पश्चिम मुंबई के सांसद गजानन कीर्तिकर से भेंट की थी, उसी समय पूर्व मंत्री रामदास कदम से मिले और अब गुरुवार को लीलाधर डाके का आशीर्वाद लेते हुए युति सरकार के पहले मुख्यमंत्री मनोहर जोशी से भेंट की। इसी मंगलवार को बालासाहेब की पुत्रवधु स्मिता ठाकरे भी मिली थीं, इन भेंटों का अर्थ क्या है, इस पर मुख्यमंत्री ने मात्र यही कहा है कि, यह भेंट राजनीति से परे हैं।

युति की पहली सरकार का स्वप्न लाए एकनाथ
एकनाथ शिंदे ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी से भेंट के बाद स्पष्ट किया कि, यह भेंट राजनीतिक उद्देश्य के हेतु से परे थी। उन्होंने बताया कि जोशी सर और लीलाधर डाके समेत अन्य सभी शिवसेना नेताओं के साथ उन्होंने लंबे काल तक काम किया है। अब उनसे मिलने का उद्देश्य मात्र स्नेह है। जोशी सर ने मुख्यमंत्री को युति की पहली सरकार की ६० योजनाओं की पुस्तिका सौंपी है। जिसके अधूरे स्वप्नों को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री से कहा है।

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भेंट बनाएगी बात?
शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट में निष्ठा पत्र, समर्थन पत्र और शिव संवाद यात्रा का दौर चल रहा है। इसके माध्यम से जनप्रतिनिधियों के समर्थन को खोने से हुए गड्ढे को भरने का प्रयत्न हो रहा है। निष्ठा पत्र और प्रतिज्ञा पत्र न्यायालय और चुनाव आयोग में मूल शिवसेना किसकी इसका निर्णय कराएंगे।

इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ शिवसैनिकों का बड़ा धड़ा जुड़ रहा है, उसमें अब भुलाए जा चुके वरिष्ठ नेताओं की भेंट निष्ठा पत्र भले ही न साबित हो परंतु, निष्ठावान और कट्टर शिवसैनिकों के बीच मुख्यमंत्री के समर्थन में वातावरण तैयार करने का कार्य अवश्य कर सकती है।

शिवसेना की वेबसाइट से हटे नेता
शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट में अस्वस्थता बड़े स्तर पर है। इसका एक जीवंत उदाहरण पक्ष के वेबसाइट पर देखने को मिला। जिस पर से नेताओं को हटा दिया गया है।

इस वेबसाईट में परिवर्तन करते हुए अब मात्र शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे, पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे और युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे की फोटो ही रखी गई हैं।

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