जालोर जिले के सांचौर में स्थित सबसे बड़ी पथमेड़ा गोदाम आनंद वन से चल रही छह गोशालाओं में खतरनाक लंपी वायरस फैल गया है। यहां पिछले 10 दिनों में लंपी स्किन बीमारी से 340 गायों की मौत हो चुकी है। जबकि, 1440 गायों में संक्रमण फैला हुआ है। इन गोशालाओं में पहला केस 18 जुलाई को सामने आया था। इसके बाद से लगातार गायों में संक्रमण फैलता गया और गायों की मौत होना शुरू हो गई। इसी गोशाला से संचालित पालड़ी गांव स्थित श्रीठाकुर गौ सेवाश्रम गोशाला में करीब 750 से ज्यादा गोवंश लंपी स्किन रोग की चपेट में आ गई। इसमें 150 से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है। वहीं, संक्रमण फैलने के बाद यहां काम करने वाले लोग भी काम छोड़कर चले गए हैं।
गायों के मौत की खबर सामने आते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सांचौर पंचायत समिति के विकास अधिकारी तुलसा राम मौके पर पहुंचे। पशु चिकित्सा टीम को गोवंश के इलाज के लिए तैनात किया गया। पालड़ी की श्रीठाकुर गो सेवाश्रम गोशाला में पांच हजार गोवंश है। इसमें से 700 से अधिक लंपी स्किन रोग से संक्रमित है। अकेली इसी गोशाला में 140 से अधिक गोवंश की मौत हो चुकी है।
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आसपास से लाई जा रही गाय
आस-पास के क्षेत्र से प्रतिदिन इस गोशाला में लंपी स्किन बीमारी से ग्रसित बीस से अधिक गोवंश को लाया जा रहा है। इस गोशाला में गांव के सौ से अधिक युवा गायों की सेवा में लगे हुए हैं। लंपी स्किन बीमारी से ग्रसित गायों को अलग रखकर उनका इलाज वेटरनरी डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है। वहीं, गोशाला में स्थानीय लोगों द्वारा धूप, नीम के पत्तों के रस से गायों का देशी उपचार भी किया जा रहा है।
स्वस्थ्य पशुओं का ऐसे करें बचाव
पाथमेड़ा गोशाला के विट्ठल कृष्ण महाराज ने बताया कि दस दिन पहले 18 जुलाई को पहला केस सामने आया था। इसके बाद यह संक्रमण फैलता गया। शुरू में तो प्रतिदिन चार से पांच गायों की मौत हो रही थी, लेकिन पिछले चार दिनों से रोजाना 25 से 30 गायों की मौत हो रही है। उन्होंने राज्य सरकार से इस बीमारी में गोवंश के लिए सहायता राशि के साथ दवाई देने की मांग की है। पशु पालन विभाग के नोडल अधिकारी डॉक्टर रामा भाई पटेल ने बताया कि क्षेत्र में लंपी स्किन बीमारी से करीब 1500 से ज्यादा गोवंश चपेट में है। इसको लेकर पशु पालन विभाग के डॉक्टरों की टीम लगाकर इलाज कर रही है। उन्होंने बताया कि इसका अभी कोई टीका नहीं है। इससे बचाव ही उपचार है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि जो भी पशु इस बीमारी का शिकार हुआ है। उसे स्वस्थ पशु से दूर रखे। लंपी स्किन बीमारी अभी केवल गायों में ही फैल रही है।
जानकारी के अनुसार अब तक गोधाम पथमेड़ा में 15, नंदीशाला गोलासन में 60, श्री ठाकुर गोसेवाश्रम पालड़ी में 140, श्री गोकुल गोधाम हिंडवाड़ा में 10, श्री वशिष्ठ गोसेवाश्रम आमली में 100 तथा श्री मनोरमा गोलोकतीर्थ नंदगांव में 5 गोवंश की मौत हो चुकी है।
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