महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक धार्मिक विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। उनके खिलाफ ठाणे कोर्ट में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने याचिका दायर की है। मुख्यमंत्री कार्यालय में सत्यनारायण की पूजा आयोजित करने के विरोध में शिंदे के खिलाफ याचिका दायर की गई है। इस मामले में अदालत में एक अगस्त को सुनवाई होगी।
मुख्यमंत्री को सजा देने की मांग
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 30 जून को राजभवन में मुख्यमंत्री की शपथ ली। उसने बाद मंत्रालय के मुख्यमंत्री कार्यालय में 7 जुलाई को सत्यनारायण की पूजा करके अपने कामकाज की शुरुआत की थी। सत्यनारायण पूजा कराने के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता धनाजी सुरवसे ने ठाणे कोर्ट में आईपीसी की धारा 406 के तहत ठाणे कोर्ट में याचिका दायर की है। सुरवसे का आरोप है कि सरकारी कार्यालय में सत्यनारायण की पूजा करना सरकारी नियमों का उल्लंघन है। इससे धर्म का पालन करने वाले नागरिकों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। मुख्यमंत्री का पद संवैधानिक होता है। संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति किसी धर्म जाति का पक्ष नहीं ले सकता। मुख्यमंत्री कार्यालय में सत्यनारायण की पूजा करना भारतीय संविधान के खिलाफ है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिंदे सजा के पात्र हैं।
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र सरकार ने कुछ साल पहले इस मुद्दे पर एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें महाराष्ट्र के सभी सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों व परिसरों में किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान, पूजा (किसी भी धर्म की) पर रोक लगा दी गई थी। सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों में देवी-देवताओं के चित्रों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कार्यालय में लगाई गई धार्मिक तस्वीरों को शीघ्र हटाने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
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