‘आजादी की रेलगाड़ी और रेलवे स्टेशन’ पर प्रधानमंत्री ने कही ‘मन की बात’

‘मन की बात’ की 91वीं कड़ी को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास से जुड़े देश में अनेक रेलवे स्टेशन हैं। इन रेलवे स्टेशनों के बारे में जानकार हम सभी हैरान होंगे।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 जुलाई को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम में रेलवे की ओर से किए गए एक दिलचस्प प्रयास का जिक्र किया, जिसे ‘आजादी की रेलगाड़ी और रेलवे स्टेशन’ नाम दिया गया है। इस प्रयास का उद्देश्य लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीय रेलवे की भूमिका से अवगत कराना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने 31 जुलाई को ‘मन की बात’ की 91वीं कड़ी को संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास से जुड़े देश में अनेक रेलवे स्टेशन हैं। इन रेलवे स्टेशनों के बारे में जानकार हम सभी हैरान होंगे। उन्होंने कहा कि लखनऊ के पास काकोरी रेलवे स्टेशन का नाम लोगों ने जरूर सुना होगा। इस स्टेशन के साथ राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्लाह खान जैसे जांबाजों का नाम जुड़ा है। यहां ट्रेन से जा रहे अंग्रेजों के खजाने को लूटकर वीर क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों को अपनी ताकत का परिचय करा दिया था।

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उन्होंने आगे कहा कि झारखंड के गोमो जंक्शन को अब आधिकारिक रूप से नेताजी सुभाष चंद्र बोस जंक्शन गोमो के नाम से जाना जाता है। ऐसा इसलिए कि इसी स्टेशन पर कालका मेल में सवार होकर नेताजी सुभाष, ब्रिटिश अफसरों को चकमा देने में सफल रहे थे। मोदी ने कहा कि तमिलनाडु के लोगों से बात करने पर थुथुकुडी जिले के वान्ची मणियाच्ची जंक्शन के बारे में जानने को मिलता है। ये स्टेशन तमिल स्वतंत्रता सेनानी वान्चीनाथन के नाम पर है। ये वही स्थान है जहां 25 साल के युवा वान्ची ने ब्रिटिश कलेक्टर को उसके किये की सजा दी थी।

इस बार बहुत खास है ‘मन की बात’
-प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार के स्वतंत्रता दिवस पर भारत अपनी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे करेगा। हम सभी बहुत अद्भुत और ऐतिहासिक पल के गवाह बनने जा रहे हैं। ईश्वर ने ये हमें बहुत बड़ा सौभाग्य दिया है। प्रधानमंत्री ने आजादी का अमृत महोत्सव का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि खुशी है कि आजादी का अमृत महोत्सव एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है। जीवन के सभी क्षेत्रों और समाज के हर वर्ग के लोग देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं।

-उन्होंने बताया कि कुछ हफ्ते पहले कर्नाटक में अमृता भारती कडार्थी नाम का एक अनूठा अभियान भी चलाया गया। इसमें राज्य की 75 जगहों पर आज़ादी के अमृत महोत्सव से जुड़े बड़े भव्य कार्यक्रम आयोजित किये गए। इनमें कर्नाटक के महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने के साथ ही स्थानीय साहित्यिक उपलब्धियों को भी सामने लाने की कोशिश की गई।

-इस दौरान प्रधानमंत्री ने आजादी के नायकों को याद करते हुए विशेष रूप से शहीद उधमसिंह और यू.रिरोत सिंह का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज के ही दिन हम सभी देशवासी शहीद उधमसिंह की शहादत को नमन करते हैं। मेघालय के बहादुर योद्धा यू. रिरोत सिंह की पुण्यतिथि पर लोगों ने उन्हें याद किया। रिरोत सिंह खासी पहाड़ियों पर नियंत्रण करने और वहां की संस्कृति पर प्रहार करने की अंग्रेजों की साजिश का जमकर विरोध किया था।

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