रिपोर्ट – नित्यानंद भिसे
नई दिल्ली। चीन के चक्कर में नेपाल अपनी संप्रभुता से समझौता कर रहा है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की चीनी राजदूत से प्रगाढ़ता और चीन की सरकार से मित्रता नेपाल को गर्त में ले जा रही है। जिसका एक और उदाहरण सामने आया है जिसमें नेपाल के स्कूलों में देश का वो नक्शा पाठ्यक्रम में आ गया है जिसमें भारतीय क्षेत्रों को नेपाल में दर्शाया गया है। ये झूठा भूगोल अब नेपाल की नई पीढ़ी के भविष्य को संवारेगा।
आचार्य चाणक्य में कहा था कि कमजोर हाथों में राजदंड नहीं थमता। इस बात को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने समझ लिया था और उन्होंने अपने पद के बचाने के लिए भारत के विरुद्ध ही बिगुल फूंक दिया। अब इसमें एक और कड़ी जुड़ गई है। नेपाल के स्कूली पाठ्यक्रम में नए नक्शे को शामिल कर लिया गया है। इसके अलावा नेपाल सरकार ने एक और दो रुपए के सिक्के में भी इस नए नक्शे को छपवाने का निर्णय लिया है।
नेपाल के शिक्षा मंत्रालय ने माध्यमिक शिक्षा की नई किताब में संपूर्ण नेपाल का क्षेत्रफल सार्वजनिक किया है। इसमें भी कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को नेपाल का हिस्सा बताया गया है। किताब में दावा किया गया है कि लिंपियाधुरा, लिपुलेख व कालापानी क्षेत्र में करीब 542 वर्ग किमी क्षेत्रफल पर भारत ने कब्जा कर रखा है और ये नेपाल का ही हिस्सा है।
घी-रोटी और चीन की बेटी में फंसे ओली
भारत के साथ नेपाल का रोटी और बेटी का संबंध है। लेकिन ओली ने ऐसा षड्यंत्र रचा कि इसमें दरार पड़ जाए। इसके पीछे ओली की अतिमहत्वाकांक्षा, आचरण और लेन-देन का खेल जिम्मेदार माना जा रहा है। ऐसे माना जा रहा है कि नेपाल के पीएम को चीन ने उन्हें अकूत पैसों की घूस दी है। इसके इलावा चीन कि वो बेटी जो नेपाल में राजनयिक है वो ओली से जो चाहे करवा लेती है। इस चीनी महिला का नाम होउ यान्की है। भारत के नेपाल से संबंध खराब करने में होउ यान्की के व्यक्तिगत योगदान को राजनैतिक योगदान माना जा सकता है जिसके कारण नेपाल चीन के करीब आया और भारत से दूर चला गया। होउ यान्की ने जो सबसे बड़ा काम किया वो ये था कि वह नेपाल के प्रधानमंत्री खडग प्रसाद ओली के काफी करीब आ गई और उनका विश्वास जीतने के बाद उसने ओली को भारत के खिलाफ भड़का कर सीमा विवाद पैदा कराया। इतना ही नहीं उसने ओली से कह कर नेपाल के नक्शे को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए कदम भी उठवा दिए जिन्होंने भारत के नेपाल से संबंध खराब करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई।
ओली फिसले जमीन भी निकली
चीन नेपाल की जमीन हथियाने की फिराक में जुटा है। वह तिब्बत में सड़क निर्माण के नाम पर नेपाली भूमि पर अतिक्रमण कर रहा है। भविष्य में उसकी इन क्षेत्रों में सीमा चौकी भी बनाने की योजना है। नेपाल सरकार की गोपनीय रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। कृषि मंत्रालय के सर्वे विभाग की ओर से तैयार इस रिपोर्ट में 33 हेक्टेयर दायरे में फैले उन दस इलाकों का जिक्र है, जिनमें चीन ने नदियों का रुख मोड़कर नेपाली जमीन पर कब्जा कर लिया है। हुमला जिले में चीन ने सड़क निर्माण के जरिये बागडारे खोला और करनाली नदी का रुख मोड़ दस हेक्टेयर जमीन कब्जिया ली है। वहीं, तिब्बत में निर्माण गतिविधियों के चलते सिनजेन, भुरजुक और जंबुआ खोला के रुख में हुए बदलाव से रसुवा की छह हेक्टेयर भूमि पर उसका कब्जा हो गया है।