आतंकी संगठन अलकायदा का सरगना अयमान अल जवाहिरी की अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत हो गई है। 1 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि `इंसाफ हो गया, अब यह आतंकी नेता नहीं रहा।’
मिस्र के रहने वाले अलकायदा सरगना अल जवाहिरी को 9/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। अमेरिका ने उसके सिर पर 25 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित कर रखा था। जवाहिरी के मारे जाने से अलकायदा को करीब 11 साल बाद सबसे बड़ा झटका लगा है, जब 2011 में पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन को अमेरिका ने मार गिराया गया।
जो बाइडेन ने की पुष्टि
पहले भी कई बार जवाहिरी के मारे जाने की खबरें आई थीं, जो बाद में निराधार साबित हुई लेकिन इस बार बाइडेन प्रशासन की तरफ से बाकायदा इसकी पुष्टि कर दी गई है।
अमेरिका को मिली बड़ी सफलता
खास बात यह है कि अमेरिका पर हमला करने वाले अलकायदा के दोनों प्रमुख वांछितों को खत्म करने में अमेरिका को सफलता मिल गई है। इन दोनों की खोज में अमेरिका ने करीब 20 वर्षों तक अफगानिस्तान में पूरी ताकत झोंक दी थी। अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान से तालिबानी सरकार को बेदखल कर लोकतांत्रिक सरकार बनाई। लंबी चली लड़ाई में आखिरकार अगस्त 2021 में अमेरिकी सेना अचानक अफगानिस्तान छोड़ कर लौट गई, उसके बाद वहां दोबारा तालिबान सरकार में है।
अफगानिस्तान सरकार ने की निंदा
अफगानिस्तान छोड़ने के करीब एक साल के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में अलकायदा सरगना जवाहिरी को खत्म कर दिया। अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की मौजूदगी के दौरान जवाहिरी कहां था और तालिबान के सत्ता में आने के बाद क्या जवाहिरी को अफगानिस्तान में पनाह दी गई थी। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार की तरफ से अमेरिकी कार्रवाई की निंदा की गई है।